जो भी बिमारी आती है वह खबर देती है कि तुम खान-पान में संयम करो | पेट बाहर
है तो हफ्ते में एकाध उपवास करो अथवा १५ दिन में एकादशी का व्रत रखो | कुछ नही
खाओ, केवल नीबूं पानी अथवा गुनगुना पानी पियो | लड़्घनं परमौषधम |.....अर्धरोगहरि
निद्रा सर्वरोगहरि क्षुधा | उपवास और आराम बीमारियों को खा जायेगा | व्यक्ति दवाई
से इतना जल्दी ठीक नहीं होता जितना उपवास से ठीक होता है |
उपवास में कमजोरी लगे तो १५ से २५ ग्राम किशमिश धो के खा लो, बस हो गया | सारी
बीमारी निकल जाती है | द्राक्ष, किशमिश लोग ऐसे ही खा लेते है | इन पर जंतुनाशक
दवा डालते हैं, जो कि जहरी, हानिकारक होती है | इन्हें ३-४ बार अच्छी तरह धोकर ही
खाना चाहिए | कभी गोमूत्र (या गोमूत्र अर्क) की कुछ बूँदे पानी में डाल के उससे भी
धो सकते हैं |
प्राणायाम करो, सूर्यनारायण को अर्ध्य दो और नाभि पर सूर्यनारायण का ध्यान करो
| इससे आरोग्य प्राप्त होता है |
ऋषिप्रसाद – जून २०२० से
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