सौंफ, इलायची गर्मी में,
लौंग सर्दी में
खायें |
त्रिफला सदाबहार है,
रोग सदैव हर जाय ||
वात – पित्त जब – जब बढ़ें, पहुँचावे अति कष्ट |
सोंठ आँवला द्राक्ष संग, खावै पीड़ा नष्ट ||
यह मौसम है वायु और पित्त का | तो सोंठ, आँवला और द्राक्ष का मिश्रण बनाकर
काढ़ा बना लें अथवा ऐसे ही खा लें तो वायु और पित्त के प्रकोप से होनेवाली
बीमारियों का शमन होता है |
खाँसी जब-जब भी करे, तुमको अति बेचैन |
सिकी हींग अरु लौंग से, मिले सहज ही चैन ||
दिन के अंत में दूध लो, रात के अंत में पानी |
भोजन के अंत में छाछ लो,
क्षण-क्षण
सुमिरो स्वामी ||
ऋषिप्रसाद – जून २०२० से
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