१ जुलाई : देवशयनी एकादशी (महान पुण्यमय, स्वर्ग एवं मोक्ष प्रदाता तथा पापनाशक
व्रत), चतुर्मास व्रतारम्भ
५ जुलाई : गुरुपूर्णिमा, ऋषि प्रसाद जयंती, विद्यालाभ योग ( ५ व ६ जुलाई को
केवल गुजरात व महाराष्ट्र में )
१५ जुलाई : कलिका एकादशी (इसका व्रत व रात्रि – जागरण करनेवाला मनुष्य न तो
कभी भयंकर यमराज का दर्शन करता है और न कभी दुर्गति में ही पड़ता है |)
१८ जुलाई : चतुर्दशी-आर्दा नक्षत्र योग ( ॐकार का महत्त्व क्या और क्यों ? टिप देखें )
२० जुलाई : सोमवती अमावस्या (सूर्योदय से रात्रि ११:०३ तक ) (तुलसी की १०८
परिक्रमा करने से दरिद्रता-नाश )
ऋषिप्रसाद – जून २०२० से
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