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Tuesday, November 10, 2020

त्रिदोषशामक आहार है स्वास्थ्य के लिए विशेष हितकारी

 

कफ, पित्त और वात – ये त्रिदोष समस्त शरीर को धारण करते हैं | शरीर की सभी क्रियाएँ वात के कारण, रूपांतरण पित्त के कारण व गठन कफ के कारण होता है | जब ये अपने स्वाभाविक रूप में ( अर्थात  सम अवस्था में – न घटे हुए न बढ़े हुए ) होते हैं तब शरीर की वृद्धि, बल, वर्ण, प्रसन्नता उत्पन्न करते हैं परंतु जब इनमें से कोई विकृत ( विषम) होता है तब शेष दोषों, रस – रक्तादि सप्तधातुओं को दूषित कर रोगों को उत्पन्न करता है | अत: जो खाद्य पदार्थ इन त्रिदोषों का शमन करते हैं उनका सेवन स्वास्थ्य के लिए विशेष हितकारी है |

त्रिदोषशामक पदार्थ

१] सब्जियाँ : बथुआ, परवल, कोमल मूली, पका पेठा, जीवंती, शलजम |

२] फल : आँवला, मीठा अनार |

३] अन्य पदार्थ : पुराने गेंहूँ, सेंधा नमक, पुराना देशी गुड़, घृतकुमारी, धनिया, हल्दी, गुलाब, गिलोय, वर्षा का जल, हरड, शंखपुष्पी आदि |



ऋषिप्रसाद – नवम्बर २०२० से

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