त्रिफला रसायन कल्प त्रिदोषशामक, इन्द्रिय-बलवर्धक विशेषत: नेत्रों के लिए हितकर,
वृधावस्था को रोकनेवाला व मेधाशक्ति बढानेवाला है | इसके सेवन से नेत्रज्योति में
आश्चर्यकारक वृधि होती है | दृष्टिमांद्य, रतौंधी, मोतियाबिंद,
काँचबिंद आदि नेत्र्रोगों से रक्षा होती है | बाल काले, घने
व मजबूत बनते हैं | ४० दिन तक विधियुक्त सेवन करने इ स्मृति,
बुद्धि, बल व वीर्य में वृधि होती है | ६० दिन तक सेवन करने
से यह विशेष प्रभाव दिखाता है | जगजाहिर है कि इस प्रयोग से पूज्य बापूजी को अद्भुत
लाभ हुआ है, चश्मा उतर दिया गया है |
सेवन विधि : ११-११
ग्राम सुबह -शाम गुनगुने पानी से लें ( बच्चों हेतु मात्रा : ६-६ ग्राम ) |
दिन में केवल एक बार
सात्विक, सुपाच्य भोजन करें | इन दिनों में भोजन में नमक कम हो तो अच्छा है |
साधारण नमक की जगह सेंधा नमक का उपयोग विशेष लाभदायक है | सुबह-शाम गाय का दूध ले
सकते हैं | दूध व रसायन के सेवन में दो – ढाई घंटे का अंतर रखना आवश्यक है | कल्प
के दिनों में खट्टे, तले हुए, मिर्च-म्सालेयुक्त व पचने में भारी पदार्थो का सेवन निषिद्ध है | इन
दिनों में केवल दूध-चावल ( विशेषकर साठी के चावल), दूध-दलिया अथवा दूध-रोटी का
सेवन अधिक हितकारी है |
इस प्रयोग के बाद ४०
दिन तक मामरा बादाम का उपयोग विशेष लाभदायी होगा | कल्प के दिनों में नेत्रबिंदु
का प्रयोग अवश्य करें |
प्राप्ति-स्थान : ‘त्रिफला
रसायन कल्प’ विशेषकर अहमदाबाद, सूरत, करोलबाग- दिल्ली, गोरेगाँव – मुंबई आदि मुख्य
आश्रमों में मिल सकेगा |
ऋषिप्रसाद
– नवम्बर २०२० से
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