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Tuesday, November 10, 2020

जप के अर्थ में शांत होने का प्रयोग

 

(पुण्यदायी तिथियों में विशेषरूप से करने योग्य )

ॐ.... ‘ॐ’ माने अखिल ब्रह्मांडनायक परमात्मा | श्वास अंदर गया ‘ॐ बाहर आये तो गिनती, श्वास अंदर गया ‘आनंद’ , बाहर आये तो गिनती | ॐ आनंद.... ॐ शांति .... ॐ माधुर्य.... ॐ स्वरूप  ईश्वर में तदाकार होते जाना, बहुत लाभ होगा | स्नान करते समय भी जप करना |

नीच कर्मों का त्याग करके जप करना , मौन रहना और ईश्वरप्राप्ति का विनियोग करके जप करना | आप जप करते हैं तो किस निमित्त करते हैं ,  वह संकल्प पहले दोहराओ तो वह शक्ति उसीमें काम आयेगी |

ऋषिप्रसाद – नवम्बर २०२० से

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