(पुण्यदायी तिथियों
में विशेषरूप से करने योग्य )
ॐ.... ‘ॐ’ माने अखिल
ब्रह्मांडनायक परमात्मा | श्वास अंदर गया ‘ॐ’ बाहर आये
तो गिनती, श्वास अंदर गया ‘आनंद’ , बाहर आये तो गिनती | ॐ आनंद....
ॐ शांति .... ॐ माधुर्य.... ॐ स्वरूप
ईश्वर में तदाकार होते जाना, बहुत लाभ होगा | स्नान
करते समय भी जप करना |
नीच कर्मों का त्याग
करके जप करना , मौन रहना और ईश्वरप्राप्ति का विनियोग करके जप करना | आप जप करते
हैं तो किस निमित्त करते हैं , वह संकल्प पहले
दोहराओ तो वह शक्ति उसीमें काम आयेगी |
ऋषिप्रसाद
– नवम्बर २०२० से
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