शरद पूनम ( ३०
अक्टूबर ) के दुसरे दिन से आँवले वीर्यवान माने जाते हैं |
१-२ किलो आँवले
धो-धा के कुकर में डाल दो | २५ से ५० मि.ली. पानी डाल दो | एक सीटी बजे - न -बजे,
आँवले उतार लो | थोड़ी देर बाद कुकर खोल के आंवलों की गुठलियाँ निकालकर आंवलों को
जरा मत के उनका मावा-सा-बना लो |
फिर घी हो तो घी, नहीं तो तेल में उनकों सेंक लो | जितना आँवला हो उतनी ही शक्कर या मिश्री
की एक तारवाली चाशनी बनाकर उसमें मिला दो और उसे अच्छे-से गरम कर लो | इसमें से
आधा अलग करके रख दो और रोज १० ग्राम एक गिलास में डाल दो | शरबत पीने का शौक है तो
उसमें ठंडा पानी डालो और चाय पीने का शौक है तो गर्म पानी डालो | अगर धातु कमजोर
है, स्वप्नदोष है, सफेद पानी पड़ने की
बीमारी है तो १ ग्राम हल्दी डाल के चुसकी ले के पियो | चाय की चाय, शरबत का शरबत !
चाय – कॉफी में अनेक
प्रकार के हानिकारक द्रव्य होते है | गुर्दे कमजोर,
पाचन कमजोर, आँते कमजोर.... इस प्रकार की १० प्रकार की
हानियाँ चाय-कॉफी के बदले आँवले की यह चाय अथवा शरबत पियोगे तो उन हानियों से आपकी
रक्षा होगी और चेहरे पर लाली आयेगी | खून की कमी पूरी हो जायेगी | आँते साफ़-सुथरी हो
जायेगीं |
बाकी का जो मिश्रण
बचा है उसमें धनिया, मिर्च और जो भी मसाला हो उसे
डालकर चटनी बना दो | भोजन के पहले थाली में १-१ चम्मच चटनी परोस दो | आँवले की
चटनी खाने के बाद जो भोजन खायेगा उसका भोजन पुश्तिदायी हो जायेगा |
च्यवनप्राश की तो
अपने – आपमें महत्ता है लेकिन असली च्यवनप्राश कोई-कोई बनाये | शरीर और बुद्धि के
सर्वागीण विकास के लिए ५६ से भी अधिक बहुमूल्य वनौषधियों से युक्त असली एवं
सात्विक च्यवनप्राश आश्रमों में व समितियों के सेवाकेन्द्रों से प्राप्त हो सकता
है | (केसरयुक्त च्यवनप्राश भी उपलब्ध है ) |
ऋषिप्रसाद
– नवम्बर २०२० से
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