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Tuesday, November 10, 2020

आँवले की चाय, शरबत और चटनी बनायें अपने घर में

 


शरद पूनम ( ३० अक्टूबर ) के दुसरे दिन से आँवले वीर्यवान माने जाते हैं |

१-२ किलो आँवले धो-धा के कुकर में डाल दो | २५ से ५० मि.ली. पानी डाल दो | एक सीटी बजे - न -बजे, आँवले उतार लो | थोड़ी देर बाद कुकर खोल के आंवलों की गुठलियाँ निकालकर आंवलों को जरा मत के उनका मावा-सा-बना लो |

फिर घी हो तो घी, नहीं तो तेल में उनकों सेंक लो | जितना आँवला हो उतनी ही शक्कर या मिश्री की एक तारवाली चाशनी बनाकर उसमें मिला दो और उसे अच्छे-से गरम कर लो | इसमें से आधा अलग करके रख दो और रोज १० ग्राम एक गिलास में डाल दो | शरबत पीने का शौक है तो उसमें ठंडा पानी डालो और चाय पीने का शौक है तो गर्म पानी डालो | अगर धातु कमजोर है, स्वप्नदोष है, सफेद पानी पड़ने की बीमारी है तो १ ग्राम हल्दी डाल के चुसकी ले के पियो | चाय की चाय, शरबत का शरबत !

चाय – कॉफी में अनेक प्रकार के हानिकारक द्रव्य होते है | गुर्दे कमजोर, पाचन कमजोर, आँते कमजोर.... इस प्रकार की १० प्रकार की हानियाँ चाय-कॉफी के बदले आँवले की यह चाय अथवा शरबत पियोगे तो उन हानियों से आपकी रक्षा होगी और चेहरे पर लाली आयेगी | खून की कमी पूरी हो जायेगी | आँते साफ़-सुथरी हो जायेगीं |

बाकी का जो मिश्रण बचा है उसमें धनिया, मिर्च और जो भी मसाला हो उसे डालकर चटनी बना दो | भोजन के पहले थाली में १-१ चम्मच चटनी परोस दो | आँवले की चटनी खाने के बाद जो भोजन खायेगा उसका भोजन पुश्तिदायी हो जायेगा |

च्यवनप्राश की तो अपने – आपमें महत्ता है लेकिन असली च्यवनप्राश कोई-कोई बनाये | शरीर और बुद्धि के सर्वागीण विकास के लिए ५६ से भी अधिक बहुमूल्य वनौषधियों से युक्त असली एवं सात्विक च्यवनप्राश आश्रमों में व समितियों के सेवाकेन्द्रों से प्राप्त हो सकता है | (केसरयुक्त च्यवनप्राश भी उपलब्ध है ) |

ऋषिप्रसाद – नवम्बर २०२० से

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