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Tuesday, November 10, 2020

इन तिथियों का लाभ अवश्य लें

 


२२ नवम्बर : गोपाष्टमी ( प्रात: गायों को स्नान कराने, उनका पूजन, उन्हें गोग्रास-अर्पण व परिक्रमा करने तथा थोड़ी दूर तक उनके साथ चलने और अपने ललाट पर गोधूलि का तिलक करने से अभीष्ट सिद्धि व सौभाग्य – वृद्धि होती है |)

२३ नवम्बर : ब्रह्मलीन भगवत्पाद साँई श्री लीलाशाहजी महाराज का महानिर्वाण दिवस, अक्षय-आँवला नवमी ( ध्यान, जप आदि पुण्यकर्म अक्षय फलदायी )

२६ नवम्बर : देवउठी – प्रबोधिनी एकादशी ( इस दिन का जप, होम, दान -सब अक्षय होता है | गुरु-पूजन से भगवान् प्रसन्न होते हैं व भगवान् विष्णु की कपूर से आरती करने कर अकाल मृत्यु नहीं होती | )

२८ नवम्बर : कार्तिक शुक्ल त्रयोदशी इसी दिन से कार्तिक पूर्णिमा ( ३० नवम्बर ) तक प्रात: पुण्यस्नान पुरे कार्तिक मास के पुण्यस्नान के बराबर फलदायी है तथा इन दिनों में ‘श्रीमदभगवदगीता’ और ‘श्रीविष्णुसहस्त्रनाम का पाठ विशेष लाभदायी है |

११ दिसम्बर : त्रिस्पृशा-उत्पत्ति एकादशी ( इस दिन उपवास से १००० एकादशी व्रतों का फल )

१४ दिसम्बर : सोमवती अमवस्या ( सूर्योदय से रात्रि ९:४७ तक) ( तुलसी की १०८ परिक्रमा करने से दरिद्रता नाश)

१५ दिसम्बर : षडशिति संक्रांति ( पुण्यकाल : दोपहर १२:३३ से सूर्यास्त) ( ध्यान, जप व पुण्यकर्म का ८६,००० गुना फल )

२० दिसम्बर : रविवारी सप्तमी ( दोपहर २:५४ से २१ दिसम्बर सूर्योदय तक )


                ऋषिप्रसाद – नवम्बर २०२० से              

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