(सोमवती अमावस्या : १४ दिसम्बर )
दरिद्रता मिटाने हेतु
जिनको रोजी – रोटी
में बरकत न पडती हो वे सोमवती अमावस्या के दिन मौन रहकर प्रात: स्नान करें तो १०००
गोदान का फल मिलेगा और पीपल देवता की १०८ परिक्रमा
करें तथा प्रार्थना करें : ‘हे वृक्षराज ! आपकी जड़ में ब्रह्मा, मध्य में विष्णु और शिखर में शिव
तत्व हैं, आपको मेरा नमस्कार है | आप मेरे द्वारा की हुई
पूजा को स्वीकार करें और मेरे पापों का हरण करें |’ इससे आरोग्य भी प्राप्त होगा |
ऐसे ही तुलसी की १०८
परिक्रमा करें और प्रार्थना करें : ‘हे तुलसी माँ ! आप मेरे घर की दरिद्रता –
दीनता नष्ट करें |’
दरिद्रता मिटाने के
लिए तथा जो नौकरीवाले लोग हैं याजो काम-धंदे में विफल हुए हैं अथवा जिनको किसीसे
कुछ लेना बनता है और रुका हुआ है उनके लिए यह बहुत जरूरी है |
पायें जप का दस लाख
गुना लाभ
सोमवती अमावस्या को
किया हुआ जप सूर्यग्रहण के समान १० लाख गुना फलदायी होता है | चौदस की रात्रि को
जप करते-करते सोना और सुबह उठकर थोडा शांतमय जप में बैठना | जप की संख्या बढ़ाना
नहीं, जप के अर्थ में शांत होते जाना |
करोड़ काम छोडकर
सोमवती अमावस्या को हरि का भजन और तुलसी की परिक्रमा तुम्हे करनी ही चाहिए | कोई
महिला मासिक धर्म में हो तो उसको छुट है , बाकी के लोग यह जरुर करना | इससे आपको
बहुत लाभ होगा | आर्थिक लाभ होगा, बुद्धिलाभ होगा और पुण्यलाभ भी होगा |
ऋषिप्रसाद
– नवम्बर २०२० से
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