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Tuesday, November 10, 2020

आर्थिक लाभ,बुद्धिलाभ और पुण्यलाभ एक साथ

 

(सोमवती अमावस्या : १४ दिसम्बर )

दरिद्रता मिटाने हेतु

जिनको रोजी – रोटी में बरकत न पडती हो वे सोमवती अमावस्या के दिन मौन रहकर प्रात: स्नान करें तो १००० गोदान का फल मिलेगा  और पीपल देवता की १०८ परिक्रमा करें तथा प्रार्थना करें : ‘हे वृक्षराज ! आपकी जड़ में ब्रह्मा,  मध्य में विष्णु और शिखर में शिव तत्व हैं, आपको मेरा नमस्कार है | आप मेरे द्वारा की हुई पूजा को स्वीकार करें और मेरे पापों का हरण करें |’  इससे आरोग्य भी प्राप्त होगा |

ऐसे ही तुलसी की १०८ परिक्रमा करें और प्रार्थना करें : ‘हे तुलसी माँ ! आप मेरे घर की दरिद्रता – दीनता नष्ट करें |’

दरिद्रता मिटाने के लिए तथा जो नौकरीवाले लोग हैं याजो काम-धंदे में विफल हुए हैं अथवा जिनको किसीसे कुछ लेना बनता है और रुका हुआ है उनके लिए यह बहुत जरूरी है |

पायें जप का दस लाख गुना लाभ

सोमवती अमावस्या को किया हुआ जप सूर्यग्रहण के समान १० लाख गुना फलदायी होता है | चौदस की रात्रि को जप करते-करते सोना और सुबह उठकर थोडा शांतमय जप में बैठना | जप की संख्या बढ़ाना नहीं, जप के अर्थ में शांत होते जाना |

करोड़ काम छोडकर सोमवती अमावस्या को हरि का भजन और तुलसी की परिक्रमा तुम्हे करनी ही चाहिए | कोई महिला मासिक धर्म में हो तो उसको छुट है , बाकी के लोग यह जरुर करना | इससे आपको बहुत लाभ होगा | आर्थिक  लाभ होगा, बुद्धिलाभ होगा और पुण्यलाभ भी होगा |


ऋषिप्रसाद – नवम्बर २०२० से


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