६ सितम्बर : सोमवती अमावस्या ( सुबह ७:३९ से ७ सितम्बर सुबह ६:२२ तक ) तुलसी की १०८ परिक्रमा करने से दरिद्रता – नाश
१० सितम्बर : गणेश चतुर्थी, चन्द्र-दर्शन निषिद्ध (चंद्रास्त :रात्रि ९:२०) (इस दिन ‘ॐ गं गणपतये नम: |’ का जप करने और गुड़मिश्रित
जल से गणेशजी को स्नान कराने एवं दूर्वा व सिंदूर की आहुति देने से विघ्न-निवारण
होता हैं तथा मेधाशक्ति बढती है | इस दिन चन्द्र-दर्शन से कलंक लगता है | यदि भूल
से भी चन्द्रमा दिख जाय तो उसके कुप्रभाव को मिटाने के लिए bit.ly/syamantakmanikatha इस लिंक पर दी गयी ‘स्यमंतक मणि
की चोरी की कथा’ पढ़े तथा ब्रह्मवैवर्त पुराण के निम्नलिखित मंत्र का २१, ५४ या १०८
बार जप करके पवित्र किया हुआ जल पियें |
सिंह: प्रसेनमवधीत सिंहों जाम्बवता हत: |
सुकुमारक मा रोदीस्तव ह्येष स्यमन्तक: ||
१२ सितम्बर : रविवारी सप्तमी (शाम ५:२२ से १३ सितम्बर
सूर्योदय तक)
१७ सितम्बर : पद्मा एकादशी (व्रत करने व महात्म्य
पढने-सुनने से सब पापों से मुक्ति), षडशीति संक्रांति (पुण्यकाल :सूर्योदय से
दोपहर १२:३४ तक) (ध्यान, जप व पुण्यकर्म का ८६,००० गुना फल)
२९ सितम्बर : बुधवारी अष्टमी (सूर्योदय से रात्रि
८:३० तक)
३० सितम्बर : गुरुपुष्यामृत योग (रात्रि १:३३ [अर्थात
१ अक्टूबर १:३३ AM] से १ अक्टूबर सूर्योदय तक ) ध्यान, जप, दान, पुण्य महाफलदायी |
२ अक्टूबर : इंदिरा एकादशी ( बड़े-बड़े पापों का नाशक
तथा नीच योनि में पड़े हुए पितरों को भी सदगति देनेवाला व्रत )
७ अक्टूबर : पूज्य संत श्री आशारामजी बापू का ५८ वाँ
आत्मसाक्षात्कार दिवस, शारदीय नवरात्र प्रारम्भ
१३ अक्टूबर : बुधवारी अष्टमी (सूर्योदय से रात्रि
८:०८ तक)
१५ अक्टूबर : विजयादशमी (पूरा दिन शुभ मुहूर्त), विजय
मुहूर्त (दोपहर २:१५ से ३:०१ तक) (संकल्प, शुभारम्भ, नूतन कार्य, सीमोल्लंघन के
लिए), दशहरा, गुरु-पूजन, अस्त्र-शस्त्र-शमी वृक्ष-आयुध-वाहन पूजन
ऋषिप्रसाद एवं लोककल्याणसेतु – अगस्त -सितम्बर २०२१ से
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