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Saturday, February 25, 2012

जप विशेष तिथि ( गुरुपुष्यामृत और रविपुष्यामृत योग )

गुरुपुष्यामृत योग :-
पुष्टिप्रदायक पुष्य नक्षत्र का वारों में श्रेष्ट बृहस्पतिवार (गुरुवार ) से योग होने पर यह अति दुर्लभ " गुरुपुष्यामृत योग' कहलाता है । ' सर्वसिद्धिकरः पुष्यः । ' इस शास्त्रवचन के अनुसार पुष्य नक्षत्र सर्वसिद्धिकर है । शुभ, मांगलिक कर्मों के संपादनार्थ गुरुपुष्यामृत योग वरदान सिद्ध होता है । व्यापारिक कार्यों के लिए तो यह विशेष लाभदायी माना गया है । इस योग में किया गया जप , ध्यान, दान, पुण्य महाफलदायी होता है परंतु पुष्य में विवाह व उससे संबंधित सभी मांगलिक कार्य वर्जित हैं ।

इस वर्ष इस योग के दिनांक समय :-
२२
जून २०१२ ( प्रातः ४-१७ से सूर्योदय तक)
१९ जुलाई २०१२ ( सुबह १०-४६ से २० जुलाई सूर्योदय तक )
१६ अगस्त २०१२ (सूर्योदय से शाम ७-२२ तक )

रविपुष्यामृत योग :-
रविवार के साथ पुष्य नक्षत्र का संयोग " रविपुष्यामृत योग " कहलाता है । यह योग मंत्रसिद्धि और औषधि - प्रयोग के लिए विशेष फलदायी है ।

इस वर्ष इस योग के दिनांक समय :-
मार्च २०१२ (रात्रि १२-०1 से ५ मार्च सूर्योदय तक )
अप्रैल २०१२ ( सुबह ९-१२ से सूर्योदय तक )
२९ अप्रैल २०१२ ( सूर्योदय से शाम ५-४३ तक )
दिसम्बर २०१२ (रात्रि २-१६ से ३ दिसम्बर सूर्योदय तक)
३० दिसम्बर २०१२ (सुबह ८-०७ से ३१ दिसम्बर सूर्योदय तक )



( कर्मयोग दैनंदिनी २०१२ से )

Special holy day for Japa (GuruPushyamrit and RaviPushyamrit Yog)

GuruPushyamrit Yog
The extremely rare 'GuruPushyamrit Yog' occurs if the supreme Thursday coincides with nourishing days of Pushya Constellation. "Sarvasiddhikarh Pushyah". As per this religious quote, Pushya constellation is the bestow-er of all accomplishments. For smooth completion of deeds which are holy and for general welfare, GuruPushyamrit Yog proves to be a blessing. It is considered especially beneficial for business activities. All Japa, meditation, donations and other good deeds are considered to have supreme benefits. But marriage and all related Manglik activities are forbidden.

Dates and times for this Yog this year:
22 June 2012 (Morning 4.17 till sunrise)
19 July 2012 (Morning 10.46 till sunrise of 20 July)
16 August 2012 (Morning till evening 7.22)

RaviPushyamrit Yog
The coincidence of Sunday with Pushya constellation is named as "RaviPushyamrit Yog". This Yog is specially beneficial for Mantra accomplishment and application of medicine.

Dates and times for this Yog this year:
4 March 2012 (Night 12.01 till 5 March sunrise)
1 April 2012 (Morning 9.12 till sunrise)
29 April 2012 (Morning till evening 5.43)
2 December 2012 (Night 2.46 till sunrise of 3 December)
30 December 2012 (Morning 8.07 till sunrise of 31 December)

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(Extract from Karmayog Dainandini 2012)

Thursday, February 23, 2012

इससे आयुष्य नष्ट होती है

) जो मनमाना खान पान करते हैं उसकी अकाल मृत्यु हो जाती है ... और संयम से खान पान रखता है तो लंबी आयुष्य हो जाती है |
) अति अभिमान
) जो अति बोलना, चलते-चलते बोलना, व्यर्थ बोलता है उसकी बुद्धि और आयुष्य क्षीण हो जाते हैं
) जो क्रोधी है
) जो अति खाता है, रात को देरी से खाता है
) जो ह्रदय में किसी के लिए द्रोह ठान के रखता है, वैर ठान के रखता है वो भी अपनी आयुष्य क्षीण करता है

पर जो मौन रहता है, कम बोलता है , श्वासोश्वास में भगवान का नाम स्मरण करता है वो अपना मन पवित्र करता है, बुद्धि पवित्र करता है और आयुष्य लंबी करता है|

Longevity reduces if

1. One can even have accidental death if he has meals as his mind pleases.... whereas exercising caution in eating and drinking further improves longevity.
2. Excessive Ego
3. One who speaks a lot, speaks while walking, engages in random talk, his intelligence and age diminishes.
4. Excessive anger
5. One who eats a lot, having meals late in the night
6. One who has fixed envy against someone in his heart, maintaining animosity also decreases one's longevity.

But, one who maintains silence, speaks little, remembers Lord with each incoming and outgoing breath, he purifies his mind, his intellect is purified and is able to lead a long life.

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- पूज्य बापूजी Rajim 9th Feb' 2012

भोजन करते समय ये मंत्र जपें

भोजन करते समय पहला ग्रास " अग्नये स्वाहा" " हे अग्नि देव आपको भोग लगाता हूँ | "
"
प्राणाय स्वाहा " " हे प्राण वायु आप भी भोजन पचाने में मदद करो " प्राण वायु के पांच नाम हैं

ॐ प्राणाय स्‍वाहा
ॐ अपानाय स्‍वाहा
ॐ उदानाय स्‍वाहा
ॐ समानाय स्‍वाहा
व्यानाय स्वाहा

पाच ग्रास उसके नाम का भोग लगाओ |
जठराग्नि प्रदीप रहेगी | खाना पच जायेगा |

Doing Japa while having meals

While having meals, offer the first morsel , "AUM AGNAYE SWAHA" Oh, God of Fire, I offer food to you. This helps maintain digestive strength. Food gets digested. "AUM PRANAY SWAHA" Oh, Life Force, please help in digesting this food. Life Force has five names.

AUM PRANAY SWAHA
AUM APANAY SWAHA
AUM UDANAY SWAHA
AUM SAMANAY SWAHA
AUM VYANAY SWAHA

Offer five morsels in His name.

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- पूज्य बापूजी Rajim 12th Feb' 2012

सुबह उठते वक्त

सुबह उठकर जो " ॐ ब्रह्मणे नमः " " ॐ ब्रह्मणे नमः" गुरु साक्षात् ब्रह्म स्वरुप है | गुरु का स्मरण करते हुए " ब्रह्मणे नमः " ऐसा जो मन में बोलता है और वंदन करता है वो समस्त तीर्थो में स्नान करने और समस्त यज्ञो में भाग लेने का पुण्य प्राप्त करता है |

Waking up in the morning :-

On waking up in the morning, one who recites mentally as follows and pays obeisance while remembering Guru,

"AUM BRAHMANE NAMAH", "AUM BRAHMANE NAMAH", Guru is living embodiment of Brahma

,he obtains the virtue of bathing in all the holy places and participating in all Yagnas.

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- श्री सुरेशानंदजी Nodia-Delhi 6th Feb'2012

Ice-cream से विशेष सावधानी

आज कल तो ऐसी बेवकूफी चल पड़ी है कि जामफल की Ice-cream, द्राक्ष की Ice-cream... ये सत्य नाश कर देगा | बुढ़ापे में बीमारियाँ लें आएगा | फल और दूध बिलकुल आपस में दुश्मन है और वो ही ट्यूमर बनायेगे , कैंसर बनायेगे, बदहजमा बनायेगे और क्या-क्या रोग बनायेगे और भोजन के साथ (बाद) Ice-cream लें और Ice-cream ... cold drink को तो दूर रखें | नींबू पानी पियो , लस्सी पियो ( पर सीधी दही ज्यादा नहीं खाना चाहिए ...नुक्सान करती है |)

Abstain from Ice-cream :-

Nowadays, there is gross ignorance of consuming Jamphal (Guava) ice-cream, Draksh (Grapes) ice-cream.... These will cause great harm. They will lead to diseases during old age. Fruits and milk are absolutely antagonistic and themselves will form tumour, cancer, indigestion and so on... Never consume ice-cream during or after meals and stay away from cold drinks. Drink lemon juice, Lassi, but be careful not to have whole curd in excess.... it can be detrimental.

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- पूज्य बापूजी Rajim 12th Feb' 2012

नीम के फल से स्नान का लाभ

होली के बाद २०-२५ नीम के फल (निम्बोली) .. छिलके सहित ले के मिक्सी में डालो ..थोड़ा चूरा बन जाये ..वो चूरा ले के पानी में उबालो ...काढ़ा बन जाये ...उस काढ़े में थोड़ा और पानी डाल दो और स्नान करो .. दिन तक ...पाप और शरीर के दोष मिटेंगे | तबियत अच्छी होगी .... शरीर में कटु रस की पूर्ति हो जायेगी | अगर पेट की तकलीफ है तो इसी काढ़े में से एकाध घूँट पी लें ..देखो जादू |

Benefits of bathing with Margosa (Neem) fruits

After Holi, take 20-25 fruits of Margosa (Neem)... blend them in a mixer along with its skin.... make a coarse powder ... Boil this powder in water... once it becomes a dense cordial... Add a little more water and bathe using it for five days... This removes sins and draws out negativity from the body. Health also improves... Fulfills the bitter juice needed by the body. If you have stomach problems, then take a couple of sips from this cordial and see the magic.

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- पूज्य बापूजी Rajim 12th Feb' 2012

Saturday, February 18, 2012

आपत्तिनिवारण के लिए ‘शिवसूत्र’ मंत्र

जिस समय आपत्तियाँ आ धमकें, उस समय भगवन शिव के डमरू से प्राप्त १४ सूत्रों को अर्थात् शिवसूत्र मंत्र को एक श्वास मे बोलने का अभ्यास करके इसका एक माला (१०८ बार) जप प्रतिदिन करें| कैसा भी कठिन कार्य हो, इससे शीघ्र सिद्धि प्राप्त होती है| शिवसूत्र मंत्र इस प्रकार है-

अइउण, ॠलृक्, एओड़्, ऐऔच्, हयवरट्, लण्, ञमड़णनम्, झभञ्, घढधश्, जबगडदश्, खफछठथ, चटतव्, कपय्, शषसर्, हल्|

इसी मंत्र के अन्य प्रयोग निम्नानुसार है-

१. बिच्छू के काटने पर इन सूत्रों से झाड़ने पर विष उतर जाता है|

२. जिस व्यक्ति में प्रेत का आवेश आया हो, उस पर उपरोक्त सूत्रों से अभिमंत्रित जल के छीटें मरने से आवेश छूट जाता है तथा इन्हीं सूत्रों को भोजपत्र पर लिख कर गले मे बाँधने से अथवा बाजू पर बाँधने से प्रेतबाधा दूर हो जाती है|

३. ज्वर, तिजारी (ठंड लगकर तीसरे दिन आनेवाला ज्वर), चौथिया (हर चौथे दिन आनेवाला ज्वर) आदि मे इन सूत्रों द्वारा झाड़ने-फूँकने से ज्वर उतर जाता है| अथवा इन्हें पीपल के एक बड़े पते पर लिखकर गले या हाथ पर बाँधने से भी ज्वर उतर जाते हैं|

४. मिर्गी(अपस्मार) होने पर भी इन सूत्रों से झाड़ना चाहिए तथा अभिमंत्रित जल प्रतिदिन पिलाना चाहिए|

"Shivsutra" mantra for eliminating troubles

When you are surrounded by problems, recite the 14 sutras which emanated from Lord Shiva's Damru, practice reciting this "Shivsutra" mantra in one breath, and do one mala Japa (108 times) everyday. You will achieve quick success irrespective of the complexity of the task. "Shivsutra" mantra is as follows:

अइउण, ॠलृक्, एओड़्, ऐऔच्, हयवरट्, लण्, ञमड़णनम्, झभञ्, घढधश्, जबगडदश्, खफछठथ, चटतव्, कपय्, शषसर्, हल्|



This mantra can also be applied as follows-
1. Whisking using this mantra relieves the poison of a scorpion bite.
2. If a person is plauged by spirits, spraying water that has been charged by this mantra ensures freedom. Writing this mantra on Bhojpatra and wrapping around the neck or around the arms, helps avoid any impediments caused by spirits.
3. For Fever, Tijri (Fever accompanied after 3 days of cold), Chauthiya (Fever every four days), others , fever receedes away by whisking or blowing using these sutras. Writing this mantra on Peepal leaves and wrapping around the neck or around the arms, also ensures relief from fever.
4. During epilepsy also, one should be whisked by this Sutras and must be daily offered water charged by this Sutras.

-Rishi Prasad April 2004 ( No 136)

युवा रहिये


युवोवस्था को बनाये रखने का उपाय: प्रत्येक स्त्री-पुरुष के लिए यह उपाय अत्यंत उपयोगी है| मृत्यु निश्चित है, किन्तु अंतिम साँस तक अच्छी तंदुरुस्ती बनाये रखना सबको पसंद आयेगा|

चेतना का प्रवाह, जीवनशक्ति का प्रवाह दाहिने हाथ से बहार निकलता है| उसे काबू में रखनेवाला बिंदु दाहिने हाथ में कोहनी व् कलाई के बीच एक इंच के वर्तुल में स्थित है| इस वर्तुल पर रोज सिर्फ़ दो मिनट दबाव देने से जीवनशक्ति का अपव्यय रुकता है| एक्यूप्रेशर के दबाव की तरह यह दबाव बारी-बारी से देना है| इस प्रकार करने से दीर्घकालीन तक यौवन बना रहेगा और वृद्धावस्था तथा उसके कारण होनेवाले रोगों पर रोक लगेगी| ४०-४५ वर्ष के बाद प्रत्येक स्त्री-पुरुष के लिए ये उपचार लेना विशेष रूप से आवश्यक है| महत्वपूर्ण बात यह है कि यह प्रयोग सभीको लाभप्रद है| इसे करने से जीवनशक्ति में वृद्धि का अनुभव होता है तथा थकावट मिटती है|


Stay Young

Technique to stay young: This technique is extremele beneficial for every male-female. Death is inevitable, but everyone desires to stay healthy till the last breath.

The flow of life force gets released from the right hand. The controlling point on the right hand is an inch of flat area at the centre of wrist and elbow. Pressing this area for only two minutes everyday restricts the excess flow of life-force. Just like accu-pressure, the place is to be pressed multiple times. Doing this helps maintain youth and prevents early onset of old age and its related illnesses. All male-females aged above 40-45 years must do this therapy. The important point to note is that this treatment is beneficial to everyone. Doing this bolsters the life force and removes tiredness.

-Rishi Prasad April 2004 ( No. 136)

महा मृत्युंजय मंत्र विनियोग सहित

विनियोग :-
ॐ अस्य श्री महा मृत्युंजय मन्त्रस्य वशिष्ठ ऋषिः अनुष्टुप छन्दः श्री महा मृत्युंजय रूद्र देवता, हौं बिजम् जूँ शक्तिः सः कीलकं ...( संकल्प जिस लिए करते हो..जैसे " श्री आसारामजी सद्गुरु देवस्य आयुः, आरोग्य , यशः , किर्ती, पुष्टिः,वृद्धि अर्थे ).....जपे विनियोगः |

मंत्र :-
ॐ हौं जूँ सः । ॐ भूर्भुवः स्वः । ॐ त्रयम्बकं यजामहे सुगंधिं पुष्टिवर्धनम् उर्व्वारुकमिव बन्धानान्मृत्यो मृक्षीय मामृतात् । ॐ स्वः भुवः भूः ॐ । सः जूँ हौं ॐ

यह मंत्र रोग-निवारण , दीर्घायु, धन-संपत्ति, एवं शांति के लिए लाभदायी है | अकालमृत्यु, आकस्मिक दुर्घटनाओं , भयंकर व्याधियों से रक्षा तथा मोक्ष का साधन है |

महा शिवरात्रि को विशेष लाभ लें |

Maha Shivratri - 20th Feb' 2012

Maha Mrityunjaya mantra with Viniyog

Viniyog
Om asya shri mahamrityunjaya mantrasya vashishtha rishihi anushtup chhandah shri mahamrityunjaya rudra devta houm beejam joom shaktihi sah keelakam (Shri Asharamji Sadguru Devasya aayuhu aarogya yashah keerti pushtihi vriddhi arthey) jape viniyogah

Mantra
Om houm joom sah Om bhur bhuvah swah Om trayambakam yajamahe sugandhim pushtivardhanam oorvarukmiva bandhnaan mrityormukshiya maamritaat Om swah bhuvah bhuh
Om sah joom houm Om...


This mantra helps treat all illnesses, gives long life, wealth-prosperity and grants peace. Protects from accidental death, unexpected bad events, dangerous ailments and grants liberation.

Take special benefit during Maha Shivratri.


Listen Audio Mantra Jap