२३ जनवरी : षट्तिला एकादशी ( स्नान, उबटन, जलपान, भोजन, दान व होम में तिल का
उपयोग पापों का नाश करता है | )
३१ जनवरी : मंगलवारी चतुर्थी ( सूर्योदय से १ फरवरी प्रात: ३-४१ तक)
३ फरवरी : अचला सप्तमी ( स्नान, व्रत करके गुरु का पूजन करनेवाला सम्पूर्ण माघ
मास के स्नान का फल व वर्षभर के रविवार व्रत का पुण्य पा लेता है | यह सम्पूर्ण
पापों को हरनेवाली व सुख –सौभाग्य की वृद्धि करनेवाली है | )
७ फरवरी : जया एकादशी ( इस दिन का व्रत ब्रह्महत्या जैसे पाप व पिशाचत्व का
नाशक है तथा प्रेतयोनि से रक्षा करता है | )
९ फरवरी : गुरुपुष्यामृत योग ( सुबह १०-४८ से १० फरवरी सूर्योदय तक )
१२ फरवरी : विष्णुपदी संक्रांति ( पुण्यकाल : दोपहर १२-५३ से सूर्यास्त तक ) (
इस दिन किये गये जप – ध्यान व पुण्यकर्म का फल लाख गुना होता है | - पद्म पुराण )
१४ फरवरी : मंगलवारी चतुर्थी ( सूर्यादय से १५ फरवरी प्रात: ५ – ५१ तक ), मातृ
- पितृ पूजन दिवस
स्त्रोत – ऋषि प्रसाद – जनवरी – २०१७ से
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