मधुर व्यवहार, सद्गुणों की खान हनुमानजी. माँ-बाप को भूलना नहीं, जो जागत है
सो पावत है, प्रभु-रसमय जीवन, प्रसाद, जीवन झाँकी
इसमें आप पायेंगे : १] सबका प्रिय बनने की युक्ति, २] ज्ञान की ७ भूमिकाएँ, ३]
कुटुम्ब में वैमनस्य से कैसे बचें ? ४] जीवन को उन्नत बनानेवाली १० बातें, ५] कैसा
था पूज्य बापूजी का साधनाकाल ?
इस संग्रह का मूल्य – ४५ रूपये ( डाकखर्च सहित)
उपरोक्त सत्साहित्य आप अपने नजदीकी संत श्री आशारामजी आश्रम या समिति के सेवाकेंद्र
से प्राप्त कर सकते हैं |
रजिस्टर्ड पोस्ट से मँगवाने हेतु पता : सत्साहित्य मन्दिर, संत श्री अशारामजी
आश्रम, साबरमती, अहमदाबाद – ५. सम्पर्क : (०७९)३९८७७७३०. ई – मेल :satsahityamandir@gmail.com
स्त्रोत – ऋषि प्रसाद – जनवरी – २०१७ से
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