आयुर्वेद वसंत पंचमी के बाद गर्म तथा वीर्यवर्धक, पचने में भारी पदार्थों का
सेवन कम कर देने और आम की मंजरी को रगड़कर मलने व खाने की सलाह देता है |
आम की मंजरी शीत, कफ, पित्तादि में फायदेमंद तथा रुचिवर्धक है | अतिसार,
प्रमेह, रक्त-विकार से रक्षा करती है तथा जहरीले दोषों को दूर करने में उपयोगी है
|
स्त्रोत – ऋषि प्रसाद – जनवरी – २०१७ से
No comments:
Post a Comment