२१
जनवरी – रविपुष्यामृत योग (प्रात: ५ – २२
से सूर्योदय तक )
२७
जनवरी - रविवारी सप्तमी ( सूर्योदय से
दोपहर ३ - ०३ तक )
३१
जनवरी - षटतिला एकादशी (स्नान, उबटन,
जलपान, भोजन, दान व होम में तिल के उपयोग से पाप-नाश )
४
फरवरी – सोमवती अमावस्या (सूर्योदय से रात्रि
२ -३४ ) (तुलसी की १०८ परिक्रमा
करने से दरिद्रता –नाश )
१३
फरवरी – बुधवारी अष्टमी ( सूर्योदय से दोपहर ३ – ४७ ) विष्णुपदी संक्रांति ( पुण्यकाल : सूर्योदय से
सुबह ८ – ५० तक), (ध्यान, जप आदि का लाख गुना फल )
१४
फरवरी – मातृ-पितृ पूजन दिवस
१६
फरवरी – जया एकादशी ( व्रत से ब्रह्महत्यातुल्य पाप व पिशाचत्व नाश )
१७
फरवरी – रविपुष्यामृत योग ( शाम ४ - ४६ से
१८ फरवरी सूर्योदय तक ), माघ शुक्ल त्रयोदशी [ इस दिन से माघी पूर्णिमा (
१६ फरवरी) तक स्नान, दान, व्रत आदि पुण्यकर्म करने से सम्पूर्ण माघ-स्नान का फल]
ऋषिप्रसाद – जनवरी २०१९ से
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