१३ फरवरी : बुधवारी अष्टमी (सूर्योदय से दोपहर ३-४७ तक),
विष्णुपदी संक्रांति ( पुण्यकाल : सूर्योदय से सुबह ८-५० तक ) (ध्यान, जप आदि का
लाख गुना फल )
१६ फरवरी : जया एकादशी (व्रत से ब्रह्महत्यातुल्य पाप व
पिशाचत्व नाश )
१७ फरवरी : रविपुष्यामृत योग (शाम ४-४६ से १८ फरवरी
सूर्योदय तक), माघ शुक्ल त्रयोदशी इसी दिन से माघी पूर्णिमा (१९ फरवरी) तक स्नान,
दान, व्रत आदि पुण्यकर्म करने से सम्पूर्ण माघ स्नान का फल
२ मार्च : विजया एकादशी (व्रत से इस लोक में विजयप्राप्ति
और परलोक अक्षय बना रहता है )
४ मार्च : महाशिवरात्रि व्रत, रात्रि-जागरण, शिव-पूजन
(निशीथकाल: रात्रि १२-२६ से १-१५ तक)
लोककल्याणसेतु – जनवरी २०१९ से
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