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Friday, January 18, 2019

मनुष्य कितना भी पतित हो वह महान बन सकता है


ॐऽऽऽ....’ उच्चारण किया और जितनी देर उच्चारण किया उतनी देर शांत हो जाय, ध्यान में डूबता जाय | अगर ऐसा १०-१५ मिनट सुबह-शाम करे, गुरुगीता का पाठ करे, युवाधन-सुरक्षा के नियमों पर अमल करे और भगवान् को, सदगुरु को एकटक देखे, उनसे बातें करे, प्रेरणा ले फिर अंतर में डुबकी मारे तो कितना भी पतित, कैसा भी गिरा हुआ व्यक्ति हो, उसका पतन बंद होने लगेगा, मन पवित्र होने लगेगा | वह मंगल के रास्ते चल पड़ेगा | - पूज्य बापूजी

ऋषिप्रसाद – जनवरी २०१९ से


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