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Wednesday, January 30, 2019

फलों और सब्जी के छिलकों को व्यर्थ न समझें



प्राय: साग-सब्जियों और फलों का उपयोग करते समय उनके छिलकों को बेकार समझकर फेंक दिया जाता है लेकिन छिलकों में कई चमत्कारिक गुण छिपे होते हैं | इन्हें कई रोगों को दूर करने के साथ-साथ सौंदर्य को निखारने में व अन्य प्रकार से उपयोग में लिया जा सकता है |

१] नीबू के छिलके : इनमें मौजूद अम्ल त्वचा की सफाई करता है व चमक और कोमलता को बढ़ाने में मदद करता है | इन्हें दाँतों पर मलने से दाँत चमकदार होते हैं और मसूड़े मजबूत बनते हैं | नींबू छिलकेसहित खाने पर कैंसर नहीं होता |



२] संतरे के छिलके : इनको सुखाकर खूब महीन चूर्ण बना लें | इसे दाँतों पर घिसने से दाँत चमकदार बनते हैं | यह चूर्ण कच्चे दूध व हल्दी में मिलाकर चेहरे पर लगाने से मुँहासों व धब्बों का नाश होता है और त्वचा चमक उठती है | संतरे के छिलकों में रेशे होने के कारण ये कब्ज को दूर करने में मदद करते हैं |


३] अनार के छिलके : अनार के सूखे छिलके बारीक पीस के रख लें | अधिक मासिक स्राव ने एक चम्मच चूर्ण पानी के साथ लेने से रक्तस्त्राव कम होगा | इसमें दही मिला के गाढ़ा अवलेह (paste) बनाकर सिर पर मलने से बाल मुलायम होते हैं व रुसी से भी छुटकारा मिलता है | अनार का छिलका मुँह में डालकर चूसने से खाँसी में लाभ होता है | इसका चूर्ण नागकेसर के साथ लेने से बवासीर का रक्तस्त्राव बंद होता है |

४] पपीते के छिलके : इन्हें छाया में सुखा के महीन चूर्ण बना लें | इसे ग्लिसरीन में मिला के चेहरे पर लगाने से त्वचा की रुक्षता दूर होती है |




५] खीरे के छिलके : इनमें पाये जानेवाले अघुलनशील रेशे पाचनतंत्र के लिए अच्छे होते हैं तथा कब्ज की समस्या को दूर करने में मदद करते हैं | छिलकों को सुखाकर बनाये गये चूर्ण में नींबू की कुछ बूँदे मिला के अवलेह बना लें | इसे एलोवेरा जेल के साथ मिला के त्वचा पर लगायें | इससे त्वचा में निखार आता है | (एलोवेरा जेल सत्साहित्य सेवाकेन्द्रों एवं संत श्री आशारामजी आश्रम की समितियों के सेवाकेन्द्रों पर उपलब्ध हैं |)

६] आलू के छिलके : जलने पर आलू का छिलका लगाने से शीघ्र राहत मिलती है | आँखों के नीचे का कालापन हटाने हेतु ककड़ी की फाँक और आलू के छिलकों को बारी-बारी से कालिमावाले स्थान पर रगड़ें |
- शरीर का कोई अंग जल जाय तो जले हुए स्थान पर तुरंत कच्चे आलू का रस लगाना व उसके पतले टुकड़े (कटे चिप्स) रखना पर्याप्त है | इससे न फोड़ा होगा, न मवाद बनेगा, न ही मलहम या अन्य औषधियों की आवश्यकता होगी |

७] चीकू के छिलके : चीकू को बिना छिलके उतारे खायें | इससे पाचनतंत्र को फायदा होगा |





८] सेब के छिलके : इन छिलकों व इनके ठीक नीचेवाले गूदे में विटामिन ‘सी’ प्रचुर होता है | छिलकेयुक्त सेब को चबा-चबाकर खानेवाले को मसूड़ों से खून निकलने की बीमारी कभी नहीं होती | सेब के छिलके में विटामिन ‘ए’ गूदे की अपेक्षा ५ गुना अधिक होता है | अत: सेब का पूरा – पूरा लाभ उठाने के लिए चाकू आदि से उसके छिलके पर की जानेवाली मोम की पर्त उतारकर उसे छिलकेसहित खूब चबा-चबा के खायें |


लोककल्याणसेतु – जनवरी २०१९ से         

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