भगवान श्रीहरि कहते हैं : “जपो अल्पज्ञ भीगे पैर अथवा नग्न
होकर सोता है तथा वाचाल की भाँति निरंतर बोलता रहता है, उसके घर से साध्वी लक्ष्मी
चली जाती हैं |
जो व्यक्ति अपने सिर पर तेल लगाकर उसी हाथ से दूसरे के अंग
का स्पर्श करता हैं * और अपने किसी अंग को बाजे की तरह बजाता है, उससे रुष्ट होकर
लक्ष्मी उसके घर से चली जाती हैं |
जो व्रत-उपवास नहीं करता, संध्या – वंदन नहीं
करता, सदा अपवित्र रहता है तथा भगवदभक्ति से रहित है उसके यहाँ से मेरी प्रिया
लक्ष्मी चली जाती हैं |’ ( श्रीमद देवी भागवत : ९.४१.४२-४४ )
*पद्म
पुराण के अनुसार मस्तक पर लगाने से बचे हुए तेल को अपने शरीर पर भी लगाना वर्जित
है |
ऋषिप्रसाद- जनवरी २०२० से
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