२१ मार्च : महावारुणी योग (रात्रि ७:४० से २२ मार्च सूर्योदय तक ) महावारुणी व वारुणी योग में गंगादि तीर्थ में स्नान, दान, उपवास १०० सूर्यग्रहणों के समान फलदायी )
२२ मार्च : वारुणी योग (सूर्योदय से सुबह १०:१० तक)
२३ मार्च : सोमवती अमावस्या (दोपहर १२:३१ से २४ मार्च सूर्योदय तक) (तुलसी की १०८ परिक्रमा करने से दरिद्रता-नाश)
२४ मार्च : चैत्री अमावस्या (ध्यान, जप बहुत पुण्यदायी )
२५ मार्च : गुडी पडवा (पूरा दिन शुभ मुहूर्त), चैत्री नवरात्र प्रारम्भ, चेटीचंड
१ अप्रैल : बुधवारी अष्टमी (सूर्योदय से २ अप्रैल प्रात: ३:४१ तक )
२ अप्रैल : श्रीराम नवमी (व्रत से अनेक जन्मार्जित पापों की राशि भस्मीभूत ), गुरुपुष्यामृत योग (रात्रि ७:२८ से ३ अप्रैल सूर्योदय तक )
४ अप्रैल : कामदा एकादशी (व्रत से ब्रह्महत्या आदि पापों तथा पिशाचत्व आदि दोषों का नाश)
८ अप्रैल से ७ मई : वैशाख मास व्रत (वैशाख मास में भक्तिपूर्वक किये गये दान, जप, हवन, प्रात: पुण्यस्नान आदि शुभ कर्मों का पुण्य अक्षय तथा १०० करोड़ गुना अधिक)
१३ अप्रैल : पूज्य बापूजी का अवतरण दिवस
१५ अप्रैल : बुधवारी अष्टमी (सूर्योदय से शाम ४:५२ तक)
१८ अप्रैल : वरूथिनी एकादशी (सौभाग्य, भोग, मोक्ष प्रदायक व्रत; १०,००० वर्षो की तपस्या के समान फल | माहात्म्य पढने-सुनने से १००० गोदान का फल )
२६ अप्रैल : अक्षय तृतीया (पूरा दिन शुभ मुहूर्त ), त्रेता युगादि तिथि (स्नान, दान, जप, तप, हवन आदि का अनंत फल )
३० अप्रैल : गुरुपुष्यामृत योग (सूर्योदय से रात्रि १:५३ तक) ध्यान, जप, दान, पुण्य महाफलदायी
४ मई : त्रिस्पृशा-मोहिनी एकादशी (उपवास से १००० एकादशी व्रतों का फल तथा अनेक जन्मों के मेरु पर्वत जैसे महापापों का नाश )
५ मई : वैशाख शुक्ल त्रयोदशी इस दिन से वैशाखी पूर्णिमा (७ मई ) तक के प्रात: पुण्यस्नान से सम्पूर्ण वैशाख मास – स्नान का फल व गीता-पाठ से अश्वमेध यज्ञ का फल
ऋषिप्रसाद और लोककल्याणसेतु – मार्च २०२० से
२६ अप्रैल : अक्षय तृतीया (पूरा दिन शुभ मुहूर्त ), त्रेता युगादि तिथि (स्नान, दान, जप, तप, हवन आदि का अनंत फल )
३० अप्रैल : गुरुपुष्यामृत योग (सूर्योदय से रात्रि १:५३ तक) ध्यान, जप, दान, पुण्य महाफलदायी
४ मई : त्रिस्पृशा-मोहिनी एकादशी (उपवास से १००० एकादशी व्रतों का फल तथा अनेक जन्मों के मेरु पर्वत जैसे महापापों का नाश )
५ मई : वैशाख शुक्ल त्रयोदशी इस दिन से वैशाखी पूर्णिमा (७ मई ) तक के प्रात: पुण्यस्नान से सम्पूर्ण वैशाख मास – स्नान का फल व गीता-पाठ से अश्वमेध यज्ञ का फल
ऋषिप्रसाद और लोककल्याणसेतु – मार्च २०२० से
No comments:
Post a Comment