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Tuesday, March 31, 2020

पुण्यदायी तिथियाँ

२१ मार्च          : महावारुणी योग (रात्रि ७:४० से २२ मार्च सूर्योदय तक ) महावारुणी व वारुणी योग में गंगादि तीर्थ में स्नान, दान, उपवास १०० सूर्यग्रहणों के समान फलदायी )

२२ मार्च          : वारुणी योग (सूर्योदय से सुबह १०:१० तक)

२३ मार्च        : सोमवती अमावस्या (दोपहर १२:३१ से २४ मार्च सूर्योदय तक) (तुलसी की १०८ परिक्रमा करने से दरिद्रता-नाश)

२४ मार्च          : चैत्री अमावस्या (ध्यान, जप बहुत पुण्यदायी )

२५ मार्च          : गुडी पडवा (पूरा दिन शुभ मुहूर्त), चैत्री नवरात्र प्रारम्भ, चेटीचंड

१ अप्रैल           : बुधवारी अष्टमी (सूर्योदय से २ अप्रैल प्रात: ३:४१ तक )

२ अप्रैल           : श्रीराम नवमी (व्रत से अनेक जन्मार्जित पापों की राशि भस्मीभूत ), गुरुपुष्यामृत योग (रात्रि ७:२८ से ३ अप्रैल सूर्योदय तक )

४ अप्रैल        : कामदा एकादशी (व्रत से ब्रह्महत्या आदि पापों तथा पिशाचत्व आदि दोषों का नाश)

८ अप्रैल से ७ मई : वैशाख मास व्रत (वैशाख मास में भक्तिपूर्वक किये गये दान, जप, हवन, प्रात: पुण्यस्नान आदि शुभ कर्मों का पुण्य अक्षय तथा १०० करोड़ गुना अधिक)

१३ अप्रैल        : पूज्य बापूजी का अवतरण दिवस

१५ अप्रैल        : बुधवारी अष्टमी (सूर्योदय से शाम ४:५२ तक)

१८ अप्रैल        : वरूथिनी एकादशी (सौभाग्य, भोग, मोक्ष प्रदायक व्रत; १०,००० वर्षो की तपस्या के समान फल | माहात्म्य पढने-सुनने से १००० गोदान का फल )

२६ अप्रैल     : अक्षय तृतीया (पूरा दिन शुभ मुहूर्त ), त्रेता युगादि तिथि (स्नान, दान, जप, तप, हवन आदि का अनंत फल )

३० अप्रैल   : गुरुपुष्यामृत योग (सूर्योदय से रात्रि १:५३ तक) ध्यान, जप, दान, पुण्य महाफलदायी

४ मई          : त्रिस्पृशा-मोहिनी एकादशी (उपवास से १००० एकादशी व्रतों का फल तथा अनेक जन्मों के मेरु पर्वत जैसे महापापों का नाश )

५ मई         : वैशाख शुक्ल त्रयोदशी इस दिन से वैशाखी पूर्णिमा (७ मई ) तक के प्रात: पुण्यस्नान से सम्पूर्ण वैशाख मास – स्नान का फल व गीता-पाठ से अश्वमेध यज्ञ का फल 


                                                                   ऋषिप्रसाद  और लोककल्याणसेतु – मार्च २०२० से                                                       

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