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Saturday, October 17, 2020

लक्ष्मीप्राप्ति हेतु साधना

दीपावली के दिन से तीन दिन तक अर्थात भाईदूज तक एक स्वच्छ कमरे में दीपक जलाकर एवं सम्भव हो तो गौ-गोबर और अन्य औषधियों से बनी धूपबत्ती जला के, पीले वस्त्र धारण करके पश्चिम की तरफ मुँह करके बैठे | ललाट पर तिलक ( हो सके तो केसर का ) कर स्फटिक मोतियों से बनी माला द्वारा नित्य प्रात:काल इस मन्त्र की दो मालाएँ जपें :

ॐ नमो भाग्यलक्ष्म्यै च विद्महे |

अष्टलक्ष्म्यै च धीमहि |

तन्नो लक्ष्मी: प्रचोदयात |

तेल का दीपक व धूपबत्ती लक्ष्मीजी की बायीं ओर, घी का दीपक दायी ओर एवं नैवेद्य आगे रखा जाता है | लक्ष्मीजी को तुलसी तथा मदार (आक) या धतूरे का फूल नहीं चढाना चाहिए, नहीं तो हानि होती है | घर में लक्ष्मीजी के वास, दरिद्रता के विनाश और आजीविका के उचित निर्वाह हेतु यह साधना करनेवाले पर लक्ष्मीजी प्रसन्न होती है |

                                                                   

                                                                                                             ऋषिप्रसाद – अक्टूबर २०२० से 

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