एक ख़ास तोहफा ! बुद्धि के विलक्षण लक्षण विकसित हो जायें ऐसी बढिया बात है | अपने घर के इर्द- गिर्द तुलसी के कई पौधे लगा दें | तुलसी के पौधे में विद्युत् तत्त्व का बाहुल्य होता है , जिससे हवामान तो बढिया रहेगा, साथ ही उसके औषधीय लाभ भी मिलेंगे | तुलसी के इतने पत्ते तोड़ें जिससे १०-२० ग्राम रस बन जाय | फिर उन्हें घोंट के थोडा पानी डालकर मिक्सी में घुमाये और थोडा फल का रस भी हो इसलिए साथ में पपीते का टुकड़ा या सेव डाल दें अथवा तो थोडा चम्मच भर के च्यवनप्राश डाल दें | बाजारू च्यवनप्राश नहीं, जो आश्रम में और समितियों के सेवाकेन्द्रों पर मिलता है वह सात्तिव्क च्यवनप्राश हो |
तुलसी का रस फल के या च्यवनप्राश के रस फल के साथ ४० दिन लें, बुद्धि गजब की
सात्त्विक और विकसित होगी और शरीर के रोग भाग जायेंगे | बच्चों के लिए तो यह बड़ा
कल्याणकारी वरदान है | जिन बच्चों ने सारस्वत्य मन्त्र या गुरुमंत्र लिया है वे
उसका जप करें अथवा जिन साधकों ने मन्त्र लिया है वे उसका जप करके पीनेवाले को
देवें और इसमें भी पीनेवाले भगवान सूर्य का थोडा मानसिक ध्यान कर ले फिर उसमें
दृष्टि डालें और ‘हे बुद्धि के अधिष्ठाता देव ! मैं यह मिश्रण पीता हूँ, मेरी
बुद्धि में ज्ञान का अद्भुत प्रकाश हो |’ ऐसा संकल्प करके पियें तो बहुत लाभ होगा
|
ऋषिप्रसाद – अक्टूबर २०२० से
No comments:
Post a Comment