१] दिव्य प्रेरणा-प्रकाश पुस्तक में (पृष्ठ २ पर ) एक मंत्र लिखा है , उसको
पढ़कर दूध में देखोगे और वह दूध पियोगे तो बुद्धि बढ़ेगी,
बल बढ़ेगा |
२] मंत्रजप और अनुष्ठान से बुद्धि विकसित होती है |
३] भगवच्चिंतन करके ॐकार का गुंजन करके शांत होओगे तो बुद्धि बढ़ेगी |
४] श्वासोच्छवास में भगवान् सूर्यनारायण का ध्यान करने से भी फायदा होगा |
५] श्रद्धा, भक्ति और गुरुजनों के सत्संग से भी बुद्धि उन्नत होती है |
७] भगवद-ध्यान से तो बुद्धि को बढना ही है |
८] स्मृतिशक्ति बढानी है तो कानों में अँगूठे के पासवाली पहली उँगलियाँ
डालकर लम्बा श्वास लो फिर होंठ बंद रख के कंठ से ‘ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ ....’ ऐसा उच्चारण करो
| इस प्रकार १० बार करो | इस भ्रामरी प्राणायाम से स्मृति बढ़ेगी,
बुद्धू विद्यार्थी भी अच्छे अंक लायेंगे |
ऋषिप्रसाद – अक्टूबर २०२० से
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