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Tuesday, December 27, 2011

किसके लिए कौन सी पुस्तक विशेष

जिसका डरपोक स्वभाव है "जीवन रसायन" पुस्तक पढ़ा करो ..डर चला जायेगा
( Read Here:- In Hindi Or In English )

जिसका लोभी स्वभाव है "ईश्वर की ओर" पुस्तक पढ़ा करो
( Read Here :- In Hindi Or In English)

जिसका शरीर कमजोर है "जीवन विकास" पढ़ा करो
( Read Here:- In Hindi )

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- पूज्य बापूजी सूरत 25/12/2011

क्रोध खूब आता हो

क्रोध होता है तो पपैये की जड़ से माला अथवा मनका बन सकता है ..वो शरीर पर बाँध लो तो क्रोध नियंत्रित होगा अथवा तो कोई क्रोधी है तो आंवले के वृक्ष से माला बनती है (आश्रम में बनाई है ) वो माला पहनो ..क्रोध शांत हो जाएगा



-पूज्य बापूजी सूरत 25/12/2011

ॐ..ॐ...ॐ...ॐ...ओम्म्मम्म्म्म का जप से लाभ

"ॐ...ॐ...ॐ...ॐ...ॐ..ॐ..ओम्म्म्मम्म्म्मम्म " "ॐ...ॐ....ॐ...ॐ....ॐ....ओमम्म्म्मम्म्म्म " ऐसा १५ मिनट जप करो सुबह-शाम ...भूत- भूत का बाप सब भाग जायेंगे मानसिक गड़बड़ सब ठीक हो जाएगी नींद नहीं आती तो आयेगी ... मानसिक तनाव सब solve... और मेरे को बीमारी है ये न सोचें ...मेरे को भूत लगा है ये न सोचो ... मन को लगता है भूत ... शरीर को लगती है बीमारी ...मैं तो आत्मा-परमात्मा का हूँ |

Om…Om…Om…Om……Ommmmmmm benefits of recital:-

“Om…Om…Om…Om…Om…Om….Ommmmmmmm” “Om…Om…Om…Om…Om…Om….Ommmmmmmm” recite this for 15 min in morning and evening. Evil and all its associates will disappear. All mental illusions will be cured. Sleeplessness/Insomnia will be cured. Mental problems… all cured. Don’t think…I am sick… or I have a devil in me….Evil resides in the pettiness… I am of that boundless supreme almighty.


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-पूज्य बापूजी सूरत 25/12/2011

Monday, December 26, 2011

बच्चों को दाँत आते समय

बच्चों को दाँत आते हैं ...उस समय या तो जुलाब हो जाते हैं या पेचिश हो जाते हैं ... तो खजूर और शहद ...अच्छी तरह से पीस कर खूब रगड़-रगड़ के १-१ चम्मच दिन में २-३ बार चटा दें बच्चों के दस्त - पेचिश सब ठीक हो जायेंगे |

When teeth start growing to baby :-

When the babies start growing the teeth they have diarrhea and loose motions….then use dates and honey…finely powder them together and feed the paste of about 1 teaspoon 2-3 times a day to the baby. Motions will be controlled


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पूज्य बापूजी सूरत 25/12/2011

दमे की तकलीफ़

जिसको दमे की तकलीफ़ है वो खजूर का चूर्ण अर्थात छुआरे का चूर्ण ... छुआरे को धो के सुखा दें और फिर उसको कूट के उसमें थोड़ा सोंठ मिलाकर ....१ ग्राम चाट लें या पानी के साथ फांक लें .... दिन में ३ बार करें इससे दमे वाले को आराम मिलता है
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- पूज्य बापूजी सूरत 25/12/2011

ह्रदय रोग की तकलीफ़ में

जिनको ह्रदय रोग है वे ५० ग्राम छुआरे ...धोकर २००-२५० ग्राम पानी में रात को भिगा दें वे फूल जायेंगे, फिर उनके बीज निकाल के उसका पेस्ट बना ले ..रगड़ के पानी में ही ..और थोड़ा पानी मिला कर पियें.. तो उनका ह्रदय मजबूत बनेगा
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-पूज्य बापूजी सूरत 25/12/2011

Saturday, December 24, 2011

३१/१२/२०११ मनोकामना पूर्ति योग

आदित्य पुराण के अनुसार ३१ दिसम्बर के दिन सप्तमी तिथि है ...उस सप्तमी को उभय सप्तमी कहा गया ...पौष मास ..शुक्ल पक्ष.. सप्तमी तिथि उस दिन कोई तीन बार दिन में सूर्य भगवान की पूजा करे ..सूर्य को अर्घ्य दे ..चन्दन, चावल, फूल की लाल पंखुड़ियाँ डाल के और तिल के तेल का दीपक दिखाएँ ... सुबह .... दोपहर को १२ बजे ..और शाम को सूर्यास्त हो तब और प्रसाद में कुछ लड्डू छत पर रख दें .. सूर्य भगवान को प्रार्थना करें कि आप के लिए प्रसाद है ..स्वीकार करो २-४ लड्डू गरीबो को बाँट दें ..थोड़ा प्रसाद में खुद खा लें और गुरु मंत्र का जप करें ..उस दिन दिन में तीन बार १०-१० माला करें, तो आदित्य पुराण कहता है कि उस व्यक्ति की मनोकामना पूर्ण होगी ।
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- श्री सुरेशानंदजी Tikamgarh 21/12/2011

निरोगता प्राप्ति

सूर्य नारायण का ध्यान नाभि में करने से व्यक्ति निरोग रहता है |

To stay healthy :-

Meditating on Surya Narayan in the navel center will keep the doer healthy


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-पूज्य बापूजी कानपुर 17/12/2011

किसी का मन बदलने के लिए

कोई बात मानता नहीं हो ..तो रात को जब वो व्यक्ति सो जाए ...तब आप उसके श्वासोश्वास के करीब चले जाएँ ... उसका श्वास और आपका श्वास वातावरण में मिल जाए ऐसे आप विचार करें कि दारू छोड़ दो ...दारू से बहुत हानियाँ होती हैं ..या पत्नी को मारना छोड़ दो ..मानो मैं कमला हूँ और मेरा पति का गुड्डू .. तो बोले गुड्डू .. कमला को मारना छोड़ दे ... उसको सताओ मत जैसा उसमें दुर्गुण है उसके विपरीत बोलो .. थोड़े दिन में उसका मन बदल जायेगा
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-पूज्य बापूजी कानपुर 17/12/2011

अध्यात्म शक्ति का Earthing न हो

जहाँ भजन करते हों वहां .. गरम कपड़ा या प्लास्टिक बिछा हो .... जिससे आप को अर्थिंग न मिले जप करने से एक प्रकार की अध्यात्मिक ओरा पैदा होती है .. अर्थिंग मिलने से तो ओरा ज़मीन में चली जाती है जप-ध्यान करते व्यक्ति को ज्यादा नंगे पैर नहीं घूमना चाहिए रसोईघर में भी प्लास्टिक बिछी हो ..ठन्डे पैर धरती पर न पड़े |

Avoid earthing out your Spiritual powers :-

Wherever you do prayers or bhajans... lay out a warm clothing or a plastic sheet there.... this will avoid earthing out the special spiritual energy which is generated from doing japa else this energy will get drawn out into the earth. On a similar note, those who routinely do japa and meditation, they should not roam on bare feet. Even in the kitchen, there should be a plastic sheet laid out... Make sure not to rest cold feet on the earth.

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- पूज्य बापूजी कानपुर 17/12/2011

Wednesday, December 21, 2011

बाल झड़ना

गाजर, प्याज और हरा धनिया का रस पीने से या कचुम्बर खाने से बाल झड़ना बंद हो जाते हैं । इसमें मौजूद फास्फोरस बाल झड़ना रोकता है । खजूर में भी फास्फोरस पाया जाता है ।
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पूज्य बापूजी Kanpur-18th Dec. 2011

गाजर के गुण( खून बढाने / चश्मे उतारने)

गाजर में माता के दूध के सामान खनिज होते हैं । पालक और चकुंदर में भी विटामिन भरपूर होता है। सूर्यास्त के पहले गाजर का रस पीना चाहिए। गहरी लाल गाजर में ज्यादा कैल्शियम होता है । लेकिन गाजर के पत्तों में उससे भी ज्यादा (६ गुना ज्यादा) कैल्शियम और लौह तत्व होता है । और पाचन तंत्र मज़बूत होता है । इसलिए गाजर के पत्तों की सब्जी बनाइये। गाजर और पलक का रस १ glass सुबह -शाम ले ले खून ही खून बनेगा । इसरस में चकुंदर भी ले सकते है । गाजर और पालक सामान मात्रा में लेकर उसका रस कुछ समय तक पियें.... vitamin A भरपूर होने से .... ऐसा करने से चश्मा भी उतर सकता है।
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पूज्य बापूजी Kanpur-18th Dec. 2011

जप करते समय दिशा

सुबह जप करें तो पूर्व दिशा की ओर मुंह करके और शाम को उत्तर दिशा की ओर मुंह करके जप करें
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श्री सुरेशानंदजी Agra 8/12/2011

Tuesday, December 20, 2011

जप में मन नहीं लग रहा

मन नहीं लग रहा हो तो आँख बंद कर के प्रार्थना की और बंद आँखों से ही अपनी जगह पर खड़े हो गए... बंद आँख से ही खड़े रहे फिर बंद आँख से ही बैठ गए इससे भी बहुत फायदा होता है ...शांत और मन में भगवन का नाम गुरु मंत्र जपते रहे ... मौन पूर्वक
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Shri Sureshnandji Delhi Patpadganj 10/12/11

जिनको डर खूब लगता हो

जिनको डर खूब लगता हो उनको सुबह धूप करके... गहरा श्वास लेकर हरि ॐ...ॐ...ॐ...ॐ...ॐ....ॐ....ॐ....ओंकार का गुंजन करना चाहिए... बोलकर। निर्भय नाद पुस्तक पढ़नी चाहिए। डर निकल जाएगा भयभीत आदमी किसी काम में सफल नहीं होता ...हरि ॐ...ॐ ॐ... ॐ... ॐ..
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Shri Sureshnandji Delhi Patpadganj 10/12/11

दूध के साथ फल नहीं

दूध और फल एक साथ नहीं खाना चाहिए .... mango juice में चैये banana juice में जो लोग दूध डालते है बड़ी भरी भूल करते है
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-पूज्य बापूजी उज्जेन 7/1/2012


दूध और केले anti (विरोध आहार ) होते हैं ...साथ में न लें दूध के साथ केले खाने से पथरी होती है

-पूज्य बापूजी Agra 8/12/11

फूल - पत्ते कब नहीं तोड़ने चाहिए ?

१२ बजे के बाद फूल, पत्ते, तुलसी तोड़नी नहीं चाहिए ग्रहण के समय भी फूल-पत्ते नहीं तोड़े इतवार को तुलसी के पत्ते खाना नहीं ...तोड़ना नहीं
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-पूज्य बापूजी Agra 8/12/11

Monday, December 19, 2011

ग्रहण के समय उसके देवता का मंत्र जप

ग्रहण का समय हो तो उस समय ग्रहण के देव का नाम जप करने से उस ग्रह का माने सूर्य या चन्द्र का विशेष आशीवार्द प्राप्त होते हैं चन्द्र ग्रहण में चन्द्र देव का मंत्र ...

ॐ सोमाय नमः
ॐ रोहिणी कान्ताय नमः
ॐ चन्द्रमसे नमः

फिर चन्द्र देव की स्तुति का श्लोक

" दधीशंख: तुषाराभम् क्षीरोरदार्णव संनिभम्,
नमामि शशिनं सोमं शम्भोर्मुकुटभूषणम् "

फिर चन्द्र गायत्री मंत्र बोलें ...

" ॐ अमृतान्गाय विदमहे कलारुपाय धीमहि तन सोमः प्रचोदयात "

और अगर सूर्य ग्रहण हो तो सूर्य गायत्री मंत्र है

" ॐ आदित्याय विदमहे भास्कराय धीमहि तन भानु प्रचोदयात "
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इस साल :- 20 May' 2012

- श्रीसुरेशानंदजी Delhi Patpadganj 10/12/11

ग्रहण दर्शन ना करें

कोई-कोई TV Channel वाले नादान होते हैं.. ग्रहण का दृश्य लाइव दिखाते हैं .. ये नहीं देखना चाहिए और ग्रहण की छाया भी हम पर न पड़े इसका ध्यान रखना चाहिए
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- श्री सुरेशानंदजी Delhi Patpadganj 10/12/11

रोगप्रतिकारक शक्तिवर्धक अनुभूत प्रयोग

गाय के दूध की जितनी मात्रा हो उससे आधी मात्रा में पानी मिलकर उसमें सोने की वास्तु (शुद्ध सोने का साफ़-सुथरा गहना चलेगा) डालकर धीमी आंच पर पानी जल जाने तक उबालें देशी नस्ल की गाय के दूध में प्राकृतिक रूप से स्वर्णक्षार पाए जाते हैं स्वर्ण के साथ दूध उबलने से स्वर्ण में स्थित स्वर्णक्षार भी दूध में मिल जाते हैं यह स्वर्ण सिद्ध गौदुग्ध रोगप्रतिकारक शक्ति को बढ़ता है इसका सेवन कर वृद्ध लोग भी तंदुरुस्त रह सकते हैं सोना न हो तो चाँदी का भी उपयोग किया जा सकता है
लोक कल्याण सेतु - October 2011

Friday, December 16, 2011

घर में कोई बीमार हो

घर में कोई बीमार है ... कटोरी में पानी रखा .... उसमे देखते- देखते शिवजी का स्मरण करते हुए महामृत्युंजय मंत्र जपें .... १०८ बार ... पानी में देखते -देखते .... फिर वो पानी जिनकी तबियत ख़राब है .... उनको पीला दें .... उनका स्वास्थ्य जल्दी ठीक होगा ।
मंत्र है :
ॐ हौं जूँ सः । ॐ भूर्भुवः स्वः । ॐ त्रयम्बकं यजामहे सुगंधिं पुष्टिवर्धनम् उर्व्वारुकमिव बन्धानान्मृत्यो मृक्षीय मामृतात । ॐ स्वः भुवः भूः ॐ । सः जूँ हौं ॐ

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- श्री सुरेशानंदजी Etah 4/12/2011

घर कों तीर्थ जैसा पवित्र बनाने

घर कों तीर्थ जैसा पवित्र बनाने .... एकादशी आये तो विष्णु सहस्त्र नाम का सामूहिक रूप में पाठ करें .... रविवार के दिन सुबह लोटे में गंगा जल रखा थोड़ा सा और उसमें देखते-देखते २१ बार गायत्री मंत्र जपा और वो जल घर की दीवारों पर छाँट दिया .... ऐसे छांटो कि किसी के पैरो के नीचे पवित्र जल ना आये ... आप का घर तीर्थ जैसा पवित्र होगा और घर में से लड़ाई-झगङे दूर होगे ।
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- श्री सुरेशानंदजी Etah 4/12/2011

कोई जिदी हो तो

बेटा-बेटी कोई बात नहीं मानते तो उनको टोको मत । आप गहरा श्वास लेकर रोको ... सुबह ... और एक बार गायत्री मंत्र मन में जप करो और संकल्प करो ... मेरा बेटा जिद छोड़ दें ..या अमुक व्यक्ति शराब पीता है ... शराब छोड़ दें ... संकल्प कर के श्वास छोड़ो ... दुबारा गहरा श्वास लेकर रोके ... अपना शुभ संकल्प करके रोकें और फिर छोड़े .... ऐसे ५ बार रोज कीजिये ... जितना आपका संकल्प पक्का उतना रिजल्ट जल्दी आयेगा ।
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- श्री सुरेशानंदजी Etah 4/12/2011

मन एकाग्र करने के प्रयोग

श्वास भीतर जाए- बाहर आए उसको देखिये ... कि श्वास जा रही है बाहर ... आ रही है आती-जाती श्वास को जो देखते हैं उनका मन एकाग्र हो जाता है . और मन अगर चंचल हो ... कोई इधर-उधर की बात मन में आए तो से १० सेकंड अंदाज़े से श्वास को रोक दीजियेगा जब श्वास को रोकेंगे कुछ सेकंड के लिए तो मन भी रुक जायेगा .... मन की चंचलता रुक जाएगी श्वास की गति को देखते रहे साक्षी हो कर.... द्रष्टा होकर


दूसरा प्रयोग दोनों हाथो की हथेली बंद आँखों पर रख दी...आँखों पर दबाव पड़े उस ढंग से हाथ की हथेली ... मात्र आँखों की पलकों को छू जाए बस ...दबाना नहीं और बंद आँखों से आज्ञाचक्र पर देखें और भावना करें कि मेरी शक्ति जो बाहर बिखर रही थी वो आज्ञाचक्र की और संचित हो रही है हाथ फिर हटा सकते हैं पर आँख बंद रहे और बंद आँखों से आज्ञा चक्र की और देखें ..हरि शांति ... हरि शांति ..पारमार्थिक शांति पानेवाला व्यक्ति अपने जीवन में सदैव सफल और सुखी रहता है


दोनों हाथ की उंगलियाँ मिला दी और बीचे गर्दन को पकड़ो दोनों हाथ की कोहनी आमने-सामने ला दीं और अपना सिर दायें-बाएं घुमाएँ ...अच्छी तरह से खींचो फिर ऊपर-नीचे, फिर से दायें से बाये.... ऐसे अश्वचालिनी मुद्रा करें रोज सुबह २- मिनट करें


दूसरा एक प्रयोग जब आप रात को सोने के लिए बिस्तर पर बैठें हों ... अब सोना ही है .. सब काम हो गया ..नींद लेनी है तो देखें कि नींद मेरे शरीर पर उतर रही है ...श्वास को देखें और नींद को भी देखें कि मेरे शरीर पर ये सुषुप्ति अवस्था रही है .. जो इष्ट मंत्र हो वो होठों में ... मन में बोलते हुए सो गये

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Etah Shri Sureshanandji 4th Dec'11

सपने में या ध्यान में गुरु का मार्गदर्शन पाने के लिए

कोई समस्या है आप अपने गुरु से पूछना चाहते हों तो सोते समय बिस्तर पे बैठें ..लाइट बंद है और एक छोटा सा दिया ... दिए की लौ बहुत छोटी ... ज्यादा बड़ी ज्योत हो और उसकी तरफ देखते-देखते आप अपने इष्ट .... अपने गुरु का ध्यान करें और उनको मन में कहें कि हम आप की शरण में है ... आप हमारे स्वामी है ...गुरु हैं ...हमें आप प्रेरणा दीजिये हम क्या करें ... हमें सदा प्रेरणा दीजिये ... ऐसा करते करते सो जाएँ ....आपको उनका मार्गदर्शन निश्चित रूप से मिलेगा ..चाहे ध्यान में मिले... चाहे स्वप्ने में भी मिले


सोते समय और भी प्रयोग कर सकते हैं .. बिस्तर पे बैठे हों ...सीधे बैठे हों केवल ठोडी कंठकूप से लगा दी और भगवत गीता के दूसरे अध्याय का ७वां श्लोक का आखरी चरण मन में बोले ... बैठने की स्थिति ऐसी हो कंठ कूप पर दबाव पड़े .."शिष्यस्तेऽहं शाघि मां त्वां प्रपन्नम " वे श्लोक याद रहे तो आखिरी में तीन बाते हैं .. अर्जुन ने भगवान कृष्ण को कहीं ... हम अपने इष्ट को ...अपने गुरु को कहें .. " हम आपके शिष्य है ....आपकी शरण में है ....मुझे प्रेरणा दो ... मुझे क्या करना चाहिए इस विषय में "

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Etah Shri Sureshanandji 4th Dec'11

Wednesday, December 14, 2011

हल्दी के औषधीय प्रयोग



  • सर्दी-खांसी - हल्दी के टुकड़े को घी में सेंककर रात्रि को सोते समय मुंह में रखने से कफ, सर्दी और खांसी में लाभ होता है हल्दी के धुंए का नस्य लेने (नाक से सूंघने से) सर्दी व जुकान में तुरंत आराम मिलता है अदरक एवं ताज़ी हल्दी के एक-एक चम्मच रस में शहद मिलाकर सुबह-शाम लेने से कफ दोष से उत्पन्न सर्दी-खांसी में लाभ होता है (पथ्य- भोजन में मीठे, पचने में भारी एवं तले हुए पदार्थ लेना बंद कर दें)

  • टांसिल - हल्दी चूर्ण को शहद में मिलाकर टांसिल पर लगायें

  • कोड़ - गौमूत्र में तीन से पांच ग्राम हल्दी मिलाकर पीने से लाभ होता है

  • मूत्ररोग - ताज़ी हल्दी एवं आंवले के दो-दो चम्मच रस में शहद डालकर पीने से प्रमेह में आराम मिलता है

  • कृमि - ७० प्रतिशत बच्चों को कृमि रोग होता है ताज़ी हल्दी का आधा से एक चम्मच रस रोज़ पिलाने से बालकों के कृमि रोग दूर होते हैं अंजीर रात को भिगोकर सुबह खाली पेट खिलाने से भी कृमिरोग दूर होते हैं


Lok Kalyan Setu- Nov. 2011


यौवनदाता

पलाश के बीज तथा काले तिल ३-३ ग्राम लेकर कूटके बनाये गए मिश्रण को ६ ग्राम शहद व ८ ग्राम देशी घी में मिलाकर तीन माह तक रोज़ सेवन करने से वृद्धावस्था दूर रहती है

Lok Kalyan Setu- Nov. 2011

पुष्टिदायक प्रयोग

(१) मजीठ, बला के बीज व तालमखाना १०-१० ग्राम और मिश्री ३० ग्राम को मिला के बनाया गया चूर्ण १० ग्राम रोज़ गौ दुग्ध के साथ लें १५-२० दिन में चेहरे पर लाली आ जाएगी यह प्रयोग तेज़, बल व बुद्धिवर्धक है
(२) पलाश के पत्तों का १२ ग्राम चूर्ण प्रतिदिन दूध के साथ सेवन करने मनुष्य अत्यंत बलशाली और दीर्घायु होता है इस प्रयोग से शरीर में गर्मी, रक्त, चमड़ी तथा अम्लपित्त के रोग दूर होते हैं और शक्ति मिलती है

Lok Kalyan Setu- Nov. 2011

नपुंसकता मिटाने के लिए

(१) भिगोये हुए चने के जल में शहद मिलाकर पीने से वीर्य-स्तम्भन शक्ति में वृद्धि होती है
(२) चने के आटे का हलुआ कुछ दिनों तक नियमित सेवन करने से लाभ होता है इसके साथ उबालकर ठंडा किया हुआ जल पीने से यह आसानी से पच जाता है

Lok Kalyan Setu- Nov. 2011

आंवले के औषधीय प्रयोग



  • जो मनुष्य आंवले का रस १० से १५ मि.ली., शहद १० से १५ ग्राम, मिश्री १० से १५ ग्राम और घी २० ग्राम मिलाकर चाटता है तथा पथ्य भोजन करता है, उससे वृद्धावस्था दूर रहती है l इस प्रयोग से शारीर में गर्मी, रक्त, चमड़ी तथा अम्लपित्त के रोग दूर होते हैं और शक्ति मिलती है l

  • आंवला घृतकुमारी के संग पीने से पित्त का नाश होता है l

  • १५-२० मि.ली. आंवलों का रस तथा एक चम्मच शहद मिलाकर चटाने से आँखों की रोशनी में वृद्धि होती है l

  • सर्दी या कफ्फ की तकलीफ हो तो आंवले के १५-२० मि.ली. रस या १ ग्राम (पाँव चम्मच) चूर्ण में १ ग्राम हल्दी मिलाकर लें l

  • १-२ आंवले और १०-२० ग्राम काले तिल रोज़ सुबह चबाकर खाने से स्मरणशक्ति तेज़ हो जाती है l

  • आंवले का रस और शुद्ध शहद सामान मात्रा में लेकर मिला लें l इस मिश्रण को प्रतिदिन रात के समय आँखों में आंजने से आँखों का धुंधलापन कम हो जाता है l इस मिश्रण को पीने से भी फायदा होता है l

  • मैले दांत चमकाने हों तो दांतों पर आंवले के रस से मालिश करें l आंवले के रस में सरसों का तेल मिलाकर मसूड़ों पर हलकी मालिश करने से भी बहुत फायदा होता है l

  • २५० ग्राम आंवले के चूर्ण में ५० ग्राम लहसुन पीसकर यह मिश्रण शहद में डुबाकर पंद्रह दिन तक धूप में रखें l उसके पश्चात् हर रोज़ एक चम्मच मिश्रण खा लें l यह एक उत्तम ह्रदय-पोषक है l यह प्रयोग ह्रदय को मज़बूत बनाने वाला एक सरल इलाज है l

  • रक्तचाप, ह्रदय का बढ़ना, मानसिक तनाव (डिप्रेशन), अनिद्रा जैसे रोगों में २० ग्राम गाजर के रस के साथ ४० ग्राम आंवले का रस लेना चाहिए l

  • आधा भोजन करने के पश्चात् हरे आंवलों का ३० ग्राम रस आधा ग्लास पानी में मिलाकर पी लें l फिर शेष आधा भोजन करें l यह प्रयोग २१ दिन तक करें l इससे ह्रदय मस्तिष्क की कमजोरी दूर होती है तथा स्वास्थ्य सुधरता है l

  • सूखे आंवले तथा सुखा धनिया सामान मात्रा में लेकर रात को कुल्लढ में इक्कठे भिगो दें l सुबह छान के मिश्री मिलाकर पियें l इससे पेशाब की जलन दूर होती है तथा मूत्ररोगों में लाभ होता है l

  • दो चम्मच कच्चे आंवले का रस और दो चम्मच कच्ची हल्दी का रस शहद के साथ लेने से प्रमेह मिट जाता है l कुछ दिनों तक प्रयोग करने से मधुमेह नियंत्रण में जाता है तथा सभी तरह के मूत्र-विकारों से छुटकारा मिल जाता है l

  • आंवले का चूर्ण गौमूत्र में घोंटकर शरीर पर लगाने से तुरंत पित्तियां दब जाती हैं l


Rishi Prasad - November 2011