कोई समस्या है आप अपने गुरु से पूछना चाहते हों तो सोते समय बिस्तर पे बैठें ..लाइट बंद है और एक छोटा सा दिया ... दिए की लौ बहुत छोटी ... ज्यादा बड़ी ज्योत न हो और उसकी तरफ देखते-देखते आप अपने इष्ट .... अपने गुरु का ध्यान करें और उनको मन में कहें कि हम आप की शरण में है ... आप हमारे स्वामी है ...गुरु हैं ...हमें आप प्रेरणा दीजिये हम क्या करें ... हमें सदा प्रेरणा दीजिये ... ऐसा करते करते सो जाएँ ....आपको उनका मार्गदर्शन निश्चित रूप से मिलेगा ..चाहे ध्यान में मिले... चाहे स्वप्ने में भी मिले
सोते समय और भी प्रयोग कर सकते हैं .. बिस्तर पे बैठे हों ...सीधे बैठे हों केवल ठोडी कंठकूप से लगा दी और भगवत गीता के दूसरे अध्याय का ७वां श्लोक का आखरी चरण मन में बोले ... बैठने की स्थिति ऐसी हो कंठ कूप पर दबाव पड़े .."शिष्यस्तेऽहं शाघि मां त्वां प्रपन्नम " वे श्लोक न याद रहे तो आखिरी में तीन बाते हैं .. अर्जुन ने भगवान कृष्ण को कहीं ... हम अपने इष्ट को ...अपने गुरु को कहें .. " हम आपके शिष्य है ....आपकी शरण में है ....मुझे प्रेरणा दो ... मुझे क्या करना चाहिए इस विषय में "
Etah Shri Sureshanandji 4th Dec'11
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