गाय के दूध की जितनी मात्रा हो उससे आधी मात्रा में पानी मिलकर उसमें सोने की वास्तु (शुद्ध सोने का साफ़-सुथरा गहना चलेगा) डालकर धीमी आंच पर पानी जल जाने तक उबालें देशी नस्ल की गाय के दूध में प्राकृतिक रूप से स्वर्णक्षार पाए जाते हैं स्वर्ण के साथ दूध उबलने से स्वर्ण में स्थित स्वर्णक्षार भी दूध में मिल जाते हैं यह स्वर्ण सिद्ध गौदुग्ध रोगप्रतिकारक शक्ति को बढ़ता है इसका सेवन कर वृद्ध लोग भी तंदुरुस्त रह सकते हैं सोना न हो तो चाँदी का भी उपयोग किया जा सकता है
लोक कल्याण सेतु - October 2011
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