ग्रहण का समय हो तो उस समय ग्रहण के देव का नाम जप करने से उस ग्रह का माने सूर्य या चन्द्र का विशेष आशीवार्द प्राप्त होते हैं चन्द्र ग्रहण में चन्द्र देव का मंत्र ...
ॐ सोमाय नमः
ॐ रोहिणी कान्ताय नमः
ॐ चन्द्रमसे नमः
फिर चन्द्र देव की स्तुति का श्लोक
" दधीशंख: तुषाराभम् क्षीरोरदार्णव संनिभम्,
नमामि शशिनं सोमं शम्भोर्मुकुटभूषणम् "
फिर चन्द्र गायत्री मंत्र बोलें ...
" ॐ अमृतान्गाय विदमहे कलारुपाय धीमहि तन सोमः प्रचोदयात "
और अगर सूर्य ग्रहण हो तो सूर्य गायत्री मंत्र है
" ॐ आदित्याय विदमहे भास्कराय धीमहि तन भानु प्रचोदयात "
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इस साल :- 20 May' 2012
ॐ सोमाय नमः
ॐ रोहिणी कान्ताय नमः
ॐ चन्द्रमसे नमः
फिर चन्द्र देव की स्तुति का श्लोक
" दधीशंख: तुषाराभम् क्षीरोरदार्णव संनिभम्,
नमामि शशिनं सोमं शम्भोर्मुकुटभूषणम् "
फिर चन्द्र गायत्री मंत्र बोलें ...
" ॐ अमृतान्गाय विदमहे कलारुपाय धीमहि तन सोमः प्रचोदयात "
और अगर सूर्य ग्रहण हो तो सूर्य गायत्री मंत्र है
" ॐ आदित्याय विदमहे भास्कराय धीमहि तन भानु प्रचोदयात "
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इस साल :- 20 May' 2012
- श्रीसुरेशानंदजी Delhi Patpadganj 10/12/11
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