नाक के दायें स्वर से श्वास मुख्य रूप में चल रहा हो तो जप में आनंद नहीं आएगा पर बाएं स्वर से जप मुख्य रूप से चल रहा हो तो आपको जप ध्यान में विशेष आनंद आएगा पर अगर नाक के दोनों नथुनों से श्वास चल रहा हो सामान्य तो सब से ज्यादा आनंद आएगा जब कभी जप में ..ध्यान में मन नहीं लग रहा हो तो देखें कि कहीं सूर्य स्वर से (दायें स्वर से) तो श्वास नहीं चल रहा ना ? चन्द्र स्वर बंद है क्या? तो खड़े हो कर पैरो के पंजो के आधार पर कूदें ...मन में " हरि ॐ" " हरि ॐ " करते हुए तो स्वर बदल जायेगा अथवा दायीं करवट लेट जाओगे तो भी स्वर बदल जायेगा बायाँ स्वर शुरू हो जायेगा ..फिर आप जप करने बैठ जाएँ अथवा प्राणायाम करें दायें से श्वास लिया रोका बाएं से छोड़ा ...बाएं से लिया रोका दायें से छोड़ा .. तो भी स्वर बदल जायेगा ... जप ध्यान में आनंद आयेगा
- श्री सुरेशानंदजी उज्जैन 8/1/2012
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