सुबह स्नान करके बैठ गए जीभ को तालू में लगा दिया और शांत बैठे ...
दूसरी विधि है बीच-बीच में श्वास को रोकें ५-१० सेकंड के लिए ..फिर श्वास चलता रहे
तीसरी विधि है दोनों हाथ की हथेली आँखों पर रखो और ध्यान आज्ञाचक्र पर हो ... एकाद मिनट रहो... आँख पर दबाव न पड़े ऐसे ...फिर हाथ हटा दो और बाद में गोद में दायाँ हाथ नीचे और बायाँ हाथ ऊपर रखो.... शांत बैठो खुली आँख थोड़ी देर अपने गुरुदेव को देखा फिर आज्ञाचक्र पर ध्यान केन्द्रित कर दें
-श्री सुरेशानंदजी मुंबई 1/1/2012
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