क्या करें
१] प्रात: ५ से ७ बजे
के बीच जीवनीशक्ति बड़ी आँतों में होती है अत: उस समय मल-त्याग हेतु जरुर जायें |
२] शौच के समय टोपी
या कपड़े से सिर व कान ढककर रखने चाहिए | उस समय दाँत भींचकर रखने से दाँत मजबूत
बनते हैं |
३] शौच व पेशाब के
समय मुँह से श्वास लेने से श्वासनली में हानिकारक कीटाणु प्रवेश करते हैं अत:
श्वास नाक से ही लें |
४] शौच के बाद स्नान
तथा पेशाब के बाद हाथ-पैर व मुँह धोकर, कुल्ला करके शुद्धि करनी चाहिए | शौच के
समय पहने हुए कपड़े भी धो लेने चाहिए |
क्या न करें
१] मल-मूत्र का वेग
आने पर उसे रोकना नहीं चाहिए | मल-आवेग रोकने से सिरदर्द, पिंडलियों में ऐंठन,
सर्दी-जुकाम, अफरा आदि तथा मूत्र-आवेग रोकने से मूत्राशय, गुदा, नाभि-स्थान,
अंडकोष, शिश्नेन्द्रिय व सिर में दर्द आदि समस्याएँ होती हैं |
२] मल-मूत्र के वेग
को रोककर या मल त्यागने के तुरंत बाद भोजन न लें |
३] वेग न आने पर जोर
लगाकर मल-त्याग करने से बवासीर की समस्या हो सकती है | अत: मल-त्याग के समय जोर न
लगाये |
४] पेशाब करने के
तुरंत बाद पानी न पियें, न ही पानी पीने के तुरंत बाद पेशाब करें |
ऋषिप्रसाद
– मई २०१९ से
No comments:
Post a Comment