Search This Blog

Thursday, May 30, 2019

सर्वतोभाविनी मुद्रा




लाभ : 
१] इस मुद्रा के अभ्यास से शांति और आनंद की प्राप्ति होती है |
२] यह मन की कुभावनाओं या योग-साधना विरोधी भावनाओं को दूर कर मन को शुद्ध करने में सहायक है |

विधि : दोनों हाथों की उँगलियाँ कानों पर रखें | सबसे छोटी ऊँगली को अलग रखें | अंगूठों को नीचे की ओर लायें और ठोढ़ी- भाग में मिलायें | इससे उंगलियाँ कानों के रंध्रभागों में स्वयं आ जाती हैं | दोनों घुटनों की संधि में दोनों हाथों की कोहनियाँ अटका दें | सारे शरीर का भार कोहनियों पर डाल के नीचे का भाग स्थिर रखें | बीच-बीच में स्वेच्छापूर्वक कभी धीरे-धीरे तो कभी श्वास-प्रश्वास लेते रहें |

लोककल्याणसेतु –मई २०१९ से

No comments: