स्वास्थ्य अगर कमजोर महसूस होता है तो आप नहा – धो के सुबह उगते सूर्य के
सामने बैठ जायें, आँखे न लडायें और बदन थोडा खुला हो | आपकी नाभि पर सूर्य –
किरणें पड़ें, उस समय आप लम्बा श्वास लेते हुए मन में ‘मैं सूर्य की आभा ( ओरा ), आरोग्यशक्ति
को भीतर भर रहा हूँ |’ - ऐसा चिंतन करें,
फिर श्वास को भीतर ही रोककर ‘ॐ सूर्याय
नम: | ॐ आरोग्यप्रदायक नम: | ॐ रवये नम: | ॐ भानवे नम: |...’ आदि मंत्रों का जप
करें और फिर धीरे – धीरे श्वास छोड़ें | इस प्रकार प्रतिदिन १०-१२ प्राणायम करने से
रोगप्रतिकारक शक्ति, बुद्धिशक्ति बढ़ती है |
इसके अलावा एक बीजमंत्र भी है जो ख़ास
साधक को दिया जाता है, जिससे बुद्धि में निर्विकारिता और सात्त्विकता के चमत्कारिक
लाभ होते हैं |
स्त्रोत - ऋषि प्रसाद, दिसम्बर २०१६ से
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