९ जनवरी : पुत्रदा एकादशी ( पुत्र की इच्छा से व्रत करनेवाला पुत्र पाकर
स्वर्ग का अधिकारी हो जाता है | सब पापों को हरनेवाले इस व्रत का माहात्म्य पढ़ने व
सुनने से अग्निष्टोम यज्ञ का फल मिलता है | )
११ जनवरी : चतुर्दशी – आर्द्रा नक्षत्र योग ( प्रात: ५-३३ से रात्रि ७-५३ तक )
( ॐकार –जप अक्षय फलदायी )
१२ जनवरी : गुरुपुष्यामृत योग ( रात्रि १-२० से १३ जनवरी सूर्योदय तक अर्थात
करीब ६ घंटे )
१४ जनवरी : मकर संक्रांति (पुण्यकाल : सूर्योदय से सूर्यास्त तक ) (मकर
संक्रांति के दिन सूर्योदय से पहले स्नान करने से १०,००० गोदान का फल मिलता है | )
स्त्रोत – ऋषिप्रसाद , दिसम्बर २०१६ से
No comments:
Post a Comment