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Wednesday, December 14, 2016

सुखमय जीवन के लिए कल्पवृक्ष – श्री आशारामायण

यह भक्ति बढ़ानेवाली, कर्मयोग की शिक्षा देनेवाली, ज्ञानप्रदायिनी, बिगड़े काज सँवारनेवाली पूज्य बापूजी के जीवनरूपी सागर की सारस्वरूप सुंदर छंदमय पद्म – रचना है | 

यह पतितपावनी, त्रिभुवनतारिणी गाथा आत्मिक शीतलता, भगवद् रस, संयम – सदाचार एवं एकाग्रता का लाभ दिलानेवाली, ईश्वरप्राप्ति के लिए उमंग, उत्साह व आत्मविश्वास बढ़ानेवाली है | 

इसका पाठ करने से बालक, वृद्ध, नर – नारी – सभी प्रेरणा पाते हैं | यह मनोकामनाओं की पूर्ति तो करती ही है, साथ ही मानव से महेश्वर तक की यात्रा शुरू कराती है | इस गाथा को प्रेम से गाइये और शांत, तन्मय होते जाइये |

उपरोक्त सत्साहित्य आप अपने नजदीकी संत श्री आशारामजी आश्रम या समिति के सेवाकेंद्र से प्राप्त कर सकते है | 

स्त्रोत – ऋषिप्रसाद , दिसम्बर २०१६ से 

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