यह पौष्टिक, शक्तिवर्धक व उत्कृष्ट वीर्यवर्धक है | यह स्निग्ध, त्रिदोषशामक,
कृमिनाशक तथा ह्रदय, मूत्र व प्रजनन संस्थान एवं आँतों के लिए विशेष हितकारी है |
इसके सेवन से भूख खुलकर लगती है, धातु की रक्षा होती है तथा रोगप्रतिकारक शक्ति,
ओज – तेज व बल में वृद्धि होती है |
उपरोक्त उत्पाद आप अपने नजदीकी संत श्री आशारामजी आश्रम या समिति के
सेवाकेंद्र से प्राप्त कर सकते है |
स्त्रोत – ऋषिप्रसाद , दिसम्बर २०१६ से
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