यदि आपको किसी कार्य में बाधा आ रही हो तो किसी शुभ समय
में पीपल के पत्ते पर ‘ॐ नमो भगवते वासुदेवाय |’ मंत्र तीन बार लिख के उसे अपने
पूजा-स्थल में रखकर पूजन करें | इससे बाधाएँ समाप्त होंगी |
लेकिन इससे भी ऊँची बात एवं ऊँचा प्रयोग करूणासिंधु पूज्य
बापूजी के सत्संग से हमें जानने को मिलता है कि जब तक अज्ञान बना रहेगा तब तक
कार्यों में कर्तापन व उनके फलों में भोक्तापन बना रहेगा और बाधाएँ पीड़ा पहुँचाती
रहेंगी तथा जन्म-मरणरूपी सबसे बड़ी बाधा तो बनी ही रहेगी |
अत: सदा के लिए समस्त
बाधाओं की जड़ ही समाप्त करनी हो तो उपरोक्त मंत्र या अपने इष्टदेव का मंत्र अथवा
ॐकार का प्रथम दीर्घ एवं बाद में प्लुत गुंजन करते हुए ॐकार, स्वस्तिक या गुरुदेव
के श्रीचित्र को एकटक देखें | यह करते समय जितनी देर उच्चारण किया उतनी देर चुप,
शांत रहकर आत्मविश्रांति पायें |
इससे वर्तमान एवं भविष्य के सभी कार्यों के लिए
बाधा-निवारक व कार्य-साफल्य प्रदायक ऊर्जा का संचय होगा, साथ ही समस्त बाधाओं की
जड़ अज्ञान के समूल उच्छेदन में तीव्र गति से उन्नति होगी |
ऋषिप्रसाद – फरवरी २०१९ से
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