नारद पुराण के अनुसार सूर्यग्रहण और चन्द्रग्रहण के
समय उपवास करें और ब्राह्मी घृत को ऊँगली से स्पर्श करे एवं उसे देखते हुए ‘ॐ नमो
नारायणाय |’ मंत्र का ८००० बार (८० माला) जप करें | थोडा शान्त बैठे |
ग्रहण-समाप्ति पर स्नान के बाद घी का पान करे तो बुद्धि विलक्षण ढंग से चमकेगी,
बुद्धिशक्ति बढ़ जायेगी, कल्पनातीत मेधाशक्ति, कवित्वशक्ति और वचनशिद्धि (वाक्
सिद्धि ) प्राप्त हो जायेगी |
ऋषिप्रसाद – मई २०२० से
No comments:
Post a Comment