‘ॐ ऐं ह्रीं श्रीं क्लीं वाग्वादिनी सरस्वति मम
जिह्वाग्रे वद वद ॐ ऐं ह्रीं श्रीं क्लीं
नम: स्वाहा |’ इस मंत्र को इस वर्ष गुजरात और महाराष्ट्र छोडकर भारतभर के लोग ८
जून को दोपहर १:४५ से रात्रि ११:४५ बजे तक
तथा केवल गुजरात और महाराष्ट्र के लोग ५ जुलाई को रात्रि
११:०२ से ११:४५ बजे तक या ६ जुलाई को प्रात: ३ बजे से रात्रि ११:१२ तक १०८ बार जप
लें और फिर मंत्रजप के बाद उसी दिन रात्रि ११ से १२ बजे के बीच जीभ पर लाल चंदन से
‘ह्रीं’ मंत्र लिख दें |
जिसकी जीभ पर यह मंत्र इस विधि से लिखा जायेगा उसे
विद्यालाभ व अद्भुत विद्वत्ता की प्राप्ति होगी |
ऋषिप्रसाद – मई २०२० से
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