३० जून से लेकर २५ नवम्बर तक भगवान विष्णु गुरुतत्व में गुरु जहाँ विश्रांति पाते हैं, ऐसे आत्मदेव में भगवान विष्णु ४ महीने समाधिस्त रहेंगे | उन दिनों में शादी विवाह वर्जित है, सकाम कर्म वर्जित है, शादियाँ बंद हो जाएँगी ३० जून के बाद |
Do's
- जलाशयों में स्नान करना तिल और जौं को पीसकर मिक्सी में रख दिया थोड़ा तिल जौं मिलाकर बाल्टी में बेलपत्र डाल सको तो डालो उसका स्नान करने से पापनाशक स्नान होगा प्रसन्नतादायक स्नान होगा तन के दोष मन के दोष मिटने लगेंगे | अगर ॐ नमः शिवाय ५ बार मन में जप करके फिर लोटा सिर पे डाला पानी का, तो पित्त की बीमारी, कंठ का सूखना ये तो कम हो जायेगा, चिडचिडा स्वभाव भी कम हो जायेगा और स्वभाव में जलीय अंश रस आने लगेगा | भगवान नारायण शेष शैय्या पर शयन करते हैं इसलिए ४ महीने सभी जलाशयों में तीर्थत्व का प्रभाव आ जाता है |
- गद्दे-वद्दे हटा कर सादे बिस्तर पर शयन करें संत दरर्शन और संत के जो वचन वाले जो सत्शास्त्र हैं, सत्संग सुने संतों की सेवा करें ये ४ महीने दुर्लभ हैं |
- स्टील के बर्तन में भोजन करने की अपेक्षा पलाश के पत्तों पर भोजन करें तो वो भोजन पापनाशक पुण्यदायी होता है, ब्रह्मभाव को प्राप्त कराने वाला होता है |
- चतुर्मास में ये ४ महीनों में दोनों पक्षों की एकादशी का व्रत करना चाहिये |१५ दिन में १ दिन उपवास १४ दिन का खाया हुआ जो तुम्हारा अन्न है वो ओज में बदल जायेगा ओज, तेज और बुद्धि को बलवान बनायेगा १ दिन उपवास एकादशी का |
- चतुर्मास में भगवान विष्णु के आगे पुरुष सूक्त का पाठ करने वाले की बुद्धि का विकास होता है और सुबह या जब समय मिले भूमध्य में ओंकार का ध्यान करने से बुद्धि का विकास होता है |
- दान, दया और इन्द्रिय संयम ये उत्तम धर्म करने वाले को उत्तम लोकों की प्राप्ति होती है |
- आंवला-मिश्री जल से स्नान महान पुण्य प्रदान करता है |
Don'ts
- इन ४ महीनो में पराया धन हड़प करना, परस्त्री से समागम करना, निंदा करना, ब्रह्मचर्य तोड़ना तो मानो हाथ में आया हुआ अमृत कलश ढोल दिया निंदा न करे, ब्रह्मचर्य का पालन करे, परधन परस्त्री पर बुरी नज़र न करें |
- ताम्बे के बर्तन में भोजन नहीं करना चाहिये पानी नहीं पीना चाहिये |
- चतुर्मास में काला और नीला वस्त्र पहनने से स्वास्थ्य हानि और पुण्य नाश होता है |
- परनिंदा महा पापं शास्त्र वचन :- "परनिंदा महा पापं परनिंदा महा भयं परनिंदा महा दुखं तस्या पातकम न परम"
ये स्कन्द पुराण का श्लोक है परनिंदा महा पाप है, परनिंदा महा भय है, परनिंदा महा दुःख है तस्या पातकम न परम उस से बड़ा कोई पाप नही | इस चतुर्मास में पक्का व्रत ले लो कि हम किसी की निंदा न करेंगे |
- असत्य भाषण का त्याग कर दें, क्रोध का त्याग कर दें,
- बाजारू चीजें जो आइसक्रीम है, पेप्सी, कोका- कोला है अथवा शहद आदि है उन चीजों का त्याग कर दें चतुर्मास में, स्त्री-पुरुष के मैथुन संग का त्याग कर दें तो हे पार्वती ! वो जीव अपने दोषों से पार होकर मेरी भक्ति को और मुक्ति को पाता है, अश्वमेघ यज्ञ के फल को पाता है |
Chaturmass Special :-
From 30 June to 25 November, Lord Vishnu rests in the same Guru Tattva where Guru resides in peace. In that same Atmadev, Lord Vishnu rests in samadhi for 4 months. In these days, marriage or new job is forbidden. All marriages will be held off after 30 June.
Do's
- It is advised to take bath in natural water sources. Alternately, grind til and jau, then add a little of this mix to a bucket of water and then take bath from it. You may also add bel leaves which helps destroy all your sins, bring forth happiness and rid off the anomaly of body and mind. If AUM NAMAH SHIVAY mantra is recited 5 times before pouring a mug of water on head, then all diseases of Pitta are relieved, dry throat will reduce, disturbed behavior will ease out and behavior will get energised with water element. As lord Vishnu rests on Shesh Shayya, all natural water sources are ripe with spiritual energy.
- Remove mattresses and sleep on a plain bed. Visit saints, listen to their discourses and serve them diligently as these 4 months are precious.
- Have your meals on palaash leaves instead of iron utensils, then such meals will destroy your sins. This will provide you with Brahma realisation.
- In Chaturmaas, one must observe Ekadashi vow in both fortnights. If you fast once every 15 days, then the food you have had gets converted into Oj. Oj is responsible for making one sharp and intellectual.
- In Chaturmaas, if a man recites Sukta's lessons in front of Lord Vishnu, his intellectual faculties will grow. In the morning or any other time during the day, meditating on AUM at the centre of your eyebrows will also improve intelligence.
- Donation, compassion and restraining of sense organs, practising these will ensure one of the highest evolutionary worlds.
- Taking bath in water mixed with amla and rock sugar offers the highest virtue.
Dont's
- Stealing other's wealth, staying with other's wives, vilification, breaking celibacy are all forbidden. Doing these is equivalent to dropping away a bowl full of immortal nectar.
- One must not have meals or drink from copper utensils.
- Wearing blue or black dress leads to health breakdown and also lessens one's virtues.
- Vilification is considered as a heinous sin - "PARANINDA MAHA PAPAM PARANINDA MAHA BHAYAM PARANINDA MAHA DUHKHAMM TASYA PATAKAM NA PARAM"
This is a shloka from Skanda Purana which means that vilification is a great sin, vilification causes great fear, vilification leads to great sorrow, there is no sin greater than vilification. So, take a firm vow that you will abstain from this sin in this chaturmaas.
- Dont tell lies, and avoid anger at all times.
- Avoid all marketed foods like ice-cream, coca cola, pepsi or abstain from foods like honey in this chaturmaas.
Abstain from copulation.
"Then , Oh, Parvati! he is able to overcome his shortcomings and is blessed with my devotion and freedom and receives the fruits of Ashwamegh sacrifices."
- Pujya Bapuji Lucknow 20th June'2012
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