१३ सितम्बर : रविपुष्यामृत
योग ( शाम ४:३४ से १४ सितम्बर सूर्योदय तक ), इंदिरा एकादशी (बड़े-बड़े पापों का
नाशक तथा नीच योनि में पड़े हुए पितरों को भी सदगति देनेवाला व्रत)
१६ सितम्बर : षडशीति
संक्रांति (पुण्यकाल: जप, सत्संग, कीर्तन, व्रत, उपवास, स्नान, दान, पूजन किये जाते
हैं उनका अक्षय फल होता हिया )
२७ सितम्बर :
पद्मिनी एकादशी ( पापनाशक तथा भक्ति, मुक्ति व
समस्त तीर्थों, यज्ञों का फलप्रद्रायक व्रत)
लोककल्याणसेतु
– अगस्त २०२० से
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