सुवर्णप्राश बालकों के बौद्धिक, मानसिक तथा शारीरिक विकास के लिए अत्यंत
उपयुक्त है | यह गोली आयु, शक्ति, मेधा, बुद्धि, कान्ति व जठराग्नि वर्धक तथा
उत्तम गर्भपोषक है |
गर्भवती महिला इसका सेवन करके निरोगी, तेजस्वी, मेधावी संतान
को जन्म दे सकती है | यह एक प्रकार का आयुर्वेदिक टीका है जो बालकों की पोलियो,
टी.बी., कॉलरा, न्यूमोनिया आदि भयानक बीमारियों से रक्षा करता है | विद्यार्थी भी
धारणाशक्ति, स्मरणशक्ति तथा शारीरिक शक्ति बढाने के लिए इसका उपयोग कर सकते हैं |
नवजात शिशु को जन्म से नियमित रोज सुवर्णप्राश देने से वह स्वस्थ रहता है तथा अतिशय बुद्धिमान एवं श्रुतधर ( जो सुने वह
याद रह जाय ) हो सकता है |
ये सभी संत श्री आशारामजी आश्रम व समितियों के सेवाकेंद्र पर उपलब्ध है |
स्त्रोत – ऋषिप्रसाद – जनवरी २०१६ से
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