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Saturday, November 5, 2016

तंदुरुस्ती व पुष्टि के ख़ास प्रयोग – दिमागी व शारीरिक शक्तिवर्धक योग

२५० ग्राम बबूल की गोंद घी में सेंककर बारीक पीस लें | इसमें बराबर मात्रा में पिसी हुई मिश्री मिला लें | १२५ ग्राम बीज निकाले हुए मुनक्के और ५०० ग्राम छिलके उतारे हुए भिगोये बादाम कूट के इसमें मिला लें |
सुबह १ चम्मच (१० – १५ ग्राम) मिश्रण खूब चबा – चबाकर खायें | साथ में एक गिलास मिश्री डालकर दूध घूँट – घूँट पियें | इसके बाद २ घंटे तक कुछ नहीं खायें | जब खूब अच्छी भूख लगे, तभी भोजन करें | यह लोग हड्डियों की मजबूती के साथ ही दिमागी ताकत और तरावट के लिए भी बहुत गुणकारी है | बौद्धिक कार्य करनेवालों व विद्यार्थियों के लिए यह योग विशेष लाभकारी है |

पुष्टिकारक खीर : २ छोटे चम्मच सिंघाड़े का आटा, २ चम्मच घी व स्वादानुसार मिश्री लें | सिंघाड़े के आटे को मंद आँच पर लाल होने तक भुनें | जब अच्छी तरह भुन जाय, तब ३०० मि. ली. दूध डालकर पकायें | तैयार होने पर मिश्री, इलायची मिला लें | यह स्वादिष्ट तथा पौष्टिक खीर है | यह प्रयोग गर्भिणी व प्रसूता माताओं के लिए विशेष लाभदायी है |

बल्य और पुष्टिकारक प्रयोग : पके हुए १ केले का गूदा, १ चम्मच शहद व थोड़ी – सी मिश्री एक साथ घोंट लें और १ चम्मच आँवले का रस मिलाकर खायें | इससे वीर्यस्त्राव तथा वीर्य-विकार में लाभ होता है  | बल बढ़ता है व वीर्य गाढ़ा होता है |

ध्यान दें : प्रयोगों में दिये गये द्रव्यों की मात्रा अपनी पाचनशक्ति के अनुसार लें | इन दिनों भोजन सुपाच्य व खुलकर भूख लगने पर ही करें | दूध के सेवन के बाद २ घंटे तक कुछ न लें |



स्त्रोत – ऋषिप्रसाद – जनवरी २०१६ से

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