२५ नवम्बर : उत्पत्ति एकादशी ( व्रत करने से धन, धर्म और मोक्ष की प्राप्ति होती है | - पद्म पुराण )
२८ नवम्बर : सोमवती
अमावस्या ( दोपहर ३:२१ से २९ नवम्बर सूर्योदय तक )
७ दिसम्बर : बुधवारी
अष्टमी ( सूर्योदय से रात्रि २:०५ तक )
१० दिसम्बर : मोक्षदा
एकादशी ( यह बड़े भारी पापों का नाश करनेवाला व्रत है | नीच योनि में पड़े पितर भी
इसके पुण्यदान से मोक्ष पाते हैं | )
१५ दिसम्बर : षडशीति
संक्रांति ( पुण्यकाल : दोपहर १२:३३ से सूर्यास्त तक ) ( षडशीति संक्रांति में
किये गये जप – ध्यान व पूण्यकर्म का फल ८६,००० गुना होता है | - पद्म पुराण )
स्त्रोत
– ऋषिप्रसाद – नवम्बर २०१६ से
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