सब प्रकार के दहियों में गाय के दूध से बना दही
श्रेष्ठ और अधिक गुणकारी है | आयुर्वेद शास्त्र ‘भावप्रकाश निघंटु’ में आता है कि
‘गाय के दूध से बना दही सब प्रकार के दहियों में श्रेष्ठ, विशिष्ट गुणोंवाला, रूचि
एवं भूख वर्धक, ह्रदय को बल देनेवाला, पुष्टिकारक व वातशामक है |’
रुसी जीव वैज्ञानिक एली मेचनीकोफ़ ने दही पर अनेक
प्रयोग करने पर पाया कि दही में दूध के अम्ल से उत्पन्न सूक्ष्म जीवाणु आँतो में
विषाणुओं की उत्पत्ति को रोकते हैं | दही भूख तथा पाचनशक्ति को बढ़ता है | अतिसार
का उपचार दही से तत्काल होता है | दही से कैंसर की भी चिकित्सा होती है |
ध्यान दें : उपरोक्त गुण पूरी तरह जमे हुए ताजे व खटासहित दही में होते हैं |
सेवन-विधि : दिन में जब भी दही खाना हो तो गाय का घी,
मिश्री, मूँग, शहद, आँवला-इनमें से किसीके साथ खायें | दही में नमक नहीं मिलायें |
रात्रि में दही नहीं खाना चाहिए |
लोककल्याण सेतु – अक्टूबर २०१९ से
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