काली गाय का दूध अग्निमांद्यजनित रोगों का नाशक,
उत्तम वातनाशक तथा अधिक गुणवान होता है | पीली गाय का दूध वात-पित्तशामक होता है |
श्वेत गाय का दूध कफकारक तथा पचने में भारी होता है परंतु उसमें सोंठ, काली मिर्च,
पिप्पली, पिप्पलीमूल, हल्दी आदि डालकर पीने से वह त्रिदोषशामक व सुपाच्य हो जाता
होता है | यह रोगों से रक्षा करता है |
गोदुग्ध-सेवन संबंधी सावधानी : गोदुग्ध हमेशा छानकर ही पीना चाहिए, अन्यथा
उसमें आया गाय का रोम पेट में जा सकता है जो बहुत ही हानिकारक है | इससे रोग हो
सकते हैं और पुण्यों का नाश होता है |
लोककल्याण सेतु – अक्टूबर २०१९ से
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