धनतेरस
इस मायावी जगत में धन,
ऐश्वर्य पाने के लिए धनतेरस को गाय व लक्ष्मी की पूजा की जाती है | यमराज की
प्रसन्नता पाने एवं अकाल मृत्यु टालने के लिए इस दिन प्रांगण में दीपदान करना,
नैवेद्य धरना | इस दिन जो तुलसी व लक्ष्मीजी की पूजा व आदर करेगा वह धन-धान्य तथा
आरोग्य पाकर सुखी रहेगा |
नरक चतुर्दशी
नरक चतुर्दशी व दिवाली की रात्रि को जागरण व जप विशेष
फलदायी होते हैं | नरक चतुर्दशी को मंत्र को चैतन्य की विशेष प्राप्ति होती है,
मंत्र की सिद्धि होती है | अगर इस दिन अपने मंत्रो का जप नहीं करते हैं तो वे
मलिनता को प्राप्त होते हैं, उनका प्रभाव कम हो जाता है | अगर इस दिन कोई गलती से भी सूर्योदय के बाद उठता है तो वर्षभर के
उसके पुण्यों व सत्कर्मों का प्रभाव कमजोर हो जायेगा | लेकिन सूर्योदय से पूर्व
स्नान कर लेता है तो उसके सत्त्व की अभिवृद्धि होगी |
नरक चतुर्दशी व दीपावली की रात्रि बड़ी हितकारी होती
है | इन दिनों में –
१] सरसों के तेल का दीया जलाना आँखों के लिए हितकारी
है |
२] गोमूत्र पानी की बाल्टी में डालकर स्नान किया जाय
तो गंगोदक-स्नान करने का फल होता है और रोमकूपों को लाभ पहुँचता है |
३] गौ-गोबर और गोमूत्र का मिश्रण लगा के नहाना
पुण्यदायी और वायु व कफ शामक है |
गुरुगीता का पाठ करने से शत्रुओं का मुँह बंद हो जाता
है, दोष-पाप नष्ट हो जाते हैं – ऐसे शिवजी के वचन हैं |
ऋषिप्रसाद – अक्टूबर २०१९ से
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