जो प्रतिदिन स्नान करके गौ का स्पर्श करता है, वह
मनुष्य सब प्रकार के स्थूल पापों से भी मुक्त हो जाता है | जो गौओं के खुर से उडी
हुई धूल को सिर पर धारण करता है, वह मानो तीर्थ के जल में स्नान कर लेता है और सभी
पापों से छुटकारा प् जाता है | (पद्म पुराण, सृष्टि खंड, अध्याय:५७)
गौ का स्पर्श करने, सात्त्विक-सदाचारी ब्राह्मण को
नमस्कार करने और सद्गुरु, देवता का भलीभाँति पूजन करने से गृहस्थ सारे पापों से
छुट जाते हैं | (स्कंद पुराण, प्रभास खंड)
गंडस्पर्श कर लेने मात्र से ही गौएँ मनुष्य के समस्त
पापों को नष्ट कर देती हैं और आदरपूर्वक सेवन किये जाने पर अपार सम्पत्ति प्रदान
करती हैं | वे ही गायें दान दिये जाने पर सीधे स्वर्ग ले जाती हैं | ऐसी गौओं के
समान और कोई भी धन नहीं हैं | (बृहत्पराशर स्मृति)
जो प्यास से व्याकुल हुई गौओं को पानी पीने से विघ्न
डालता है, उसे ब्रह्मघाटी समझना चाहिए | (महाभारत, अनुशासन पर्व : २४.७ )
जो एक वर्ष तक प्रतिदिन स्वयं भोजन के पहले दुसरे की
गाय को एक मुट्ठी घास खिलाता है, उसका वह व्रत समस्त कामनाओं को पूर्ण करनेवाला
होता है | (महाभारत, अनुशासन पर्व : ६९.१२)
प्रतिपदा का
चन्द्र-दर्शन केवल गाय ही कर पाती है | यमदूतों व प्रेतत्माओं को देख लेने
में गाय सक्षम है | उनके दिखने पर वह विशिष्ट प्रकार की आवाज निकालने लगती है |
गाय रँभाने की तरंगे जहाँ तक पहुँचती हैं वहाँ तक आसुरी शक्तियों का प्रभाव नष्ट
हो जाता है |
लोककल्याण सेतु - अक्टूबर २०१९ से
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