Search This Blog

Thursday, July 23, 2020

स्वास्थ्यप्रद व औषधीय गुणों से भरपूर – हींग



आयुर्वेद के अनुसार हींग अन्न एवं दोषों का पाचन करनेवाली, भोजन में रूचि उत्पन्न करनेवाली व भूखवर्धक है | यह कफ व वायु शामक तथा तंत्रिक-तंत्र (nervous system) के लिए बल्य है | कृमिरोग, गृध्रसी (sciatica), पेट के रोग, गठिया, ह्रदयरोग, वायु के कारण होनेवाला छाती व पेट का दर्द तथा दमा, खांसी आदि फेफड़ों के रोगों में लाभदायी है |

दाल अथवा सब्जी में छौंक लगाते समय हींग का उपयोग करने से वह रुचिकर व सुपाच्य हो जाती है | इससे पेट की वायु का शमन होता है व कब्जियत में भी लाभ होता है |

मंदाग्नि हो तो घी में भुनी हुई २ चुटकी हींग में नींबू का १ चम्मच रस मिलाकर भोजन के प्रथम कौर के साथ लेने से पेट में पाचक रस स्रावित होने लगते हैं, जिससे जठराग्नि तीव्र हो जाती है |

दूषित अन्न कि डकार आती हो, थोडा- थोडा दस्त होता हो और पेट में वायु भरी हो तो २ चुटकी हींग में घी मिलाकर गर्म पानी के साथ लें अथवा हिंगादी हरड चूर्ण या रामवाण बूटी का सेवन गर्म पानी के साथ करें |

मात्रा : १२५ से २५० मि.ग्रा.

सावधानी : पित्त-प्रकोपजनित समस्या हो तो हींग का उपयोग न करें | गर्मियों में हींग का उपयोग न करें | गर्मियों में हींग का अल्प मात्रा ( २५ मि.ग्रा.) में करें |



लोककल्याण सेतु – जुलाई २०२० से

No comments: