लोग बोलते हैं : ‘जाने – अनजाने में मुझसे कुछ गलती या
भूलचूक हो गयी हो तो माफ़ कर देना !’
यह माफ़ी लेने कि सच्चाई नहीं है, बेईमानी है | यह माफ़ी माँगता है कि मजाक उड़ाता है ? ‘भूलचूक हो गयी हो तो
.... ‘ नहीं | कहना चाहिए : ‘भूल हो गयी है, क्षमा माँगने
योग्य नहीं हूँ लेकिन आपकी उदारता पर भरोसा है, आप मुझे
क्षमा कर दीजिये !’ यह सज्जनता है |
ऋषिप्रसाद
– जुलाई २०२० से
No comments:
Post a Comment