हमारे मन में भगवान की अथाह शक्ति है | हम सुबह नींद
में से उठे तो शुभ संकल्प करें | वेद में आता है : शुभ संकल्प करें कि ‘प्रभु !
तुम मधुमय हो | तुम सुखमय हो | तुम शांतिमय हो | तुम आनंदमय हो | तुम्हारा आनंद,
माधुर्य, सामर्थ्य मुझमे भरता जाय |’
ऐसी प्रार्थना करके थोड़ी देर भगवान् की शांति और
सामर्थ्य अपने मस्तिष्क में, अपने ह्रदय में भर
लेना चाहिए | नारद पुराण में लिखा है कि रोज प्रात:काल उठकर मुँह साफ़ करके कटोरी
आदि में पानी लें और उसमे देखते हुए ‘ॐ नमो नारायणाय |’ का २५ बार जप करें | और ‘यह
पानी मेरे को निरोग बनायेगा ..... नारायण की शक्ति, नारायण
कि कृपा....’ ऐसा चिंतन करके फिर भगवान की शक्ति या जिसको भी जानते हैं उसकी कृपा
मान के वह पानी पीने से आरोग्य के कण बढ़ेगे | इससे व्यक्ति निरोग रहेगा, बीमारी ज्यादा आक्रमण नहीं करेगी, ज्यादा ऑपरेशन की
समस्या नहीं होगी | स्वास्थ्य अच्छा रहेगा, जीवन में सफलता
आयेगी और मन पापों से मुक्त होगा |
सुबह-सुबह ‘ ॐ नमो नारायणाय |’ केवल २५ बार जप करके वही पानी पिये बस ! ‘ॐ’ नमन करते हैं | किसको ? ‘नारायण’ को, जो नर – नारी का अयन है, आत्मा है उस परमेश्वर
को हम नमन करते हैं | किसको ? ‘नारायण’ को, जो नर-नारी का
अयन है, आत्मा है उस परमेश्वर को हम नमन करते है | इस प्रकार
मंत्र के अर्थ की भावना करे |
ऋषिप्रसाद – जुलाई २०२० से
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